वाराणसी

Gyanvapi Case : श्रृंगार गौरी केस की मुख्य वादी राखी सिंह ने जारी किया पत्र, राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग

Gyanvapi Case : राखी सिंह के अधिवक्ता शिवम गौड़ का मुकदमों से हटना, फिर जितेंद्र सिंह का मुकदमों से हटाना और अब राखी सिंह का इच्छा मृत्यु मांगना ज्ञानवापी मामले में हिन्दू पक्ष को झटके के तौर पर देखा जा रहा है।

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Jun 07, 2023
Gyanvapi Case

Gyanvapi Case : श्रृंगार गौरी केस की मुख्य वादी और विश्व वैदिक सनातन संघ के संस्थापक जितेंद्र सिंह बिसेन की भतीजी राखी सिंह की एक चिट्ठी सामने आई है। उन्होंने राष्ट्रपति को एक खुली चिट्ठी लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। इसकी वजह उन्होंने ज्ञानवापी केस की वादी महिला और कुछ अधिवक्ताओं की प्रताड़ना को बताया है। उन्होंने इस पत्र में 9 जून की समय सीमा दी है। यदि जवाब नहीं आया तो वो अगला कदम उठाएंगी।

मुझे चाहिए इच्छा मृत्यु

श्रृंगार गौरी केस की मुख्य मुख्य वादी राखी सिंह का एक लेटर वायरल हो रहा है। इसमें इन्होंने लिखा है कि मुझे और मेरे परिवार को बदनाम किया जा रहा है। इसमें शासन व प्रशासन के लोग भी शामिल हैं। झूठा प्रचार किया गया कि मैं, मुकदमा वापस लेना चाहती हूं। हम मानसिक दबाव झेल रहे हैं। अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है। इसीलिए राष्ट्रपति महोदय मुझे इच्छा मृत्यु की अनुमति दें।

वादी महिलाओं पर भी लगाया आरोप

राखी सिंह ने इस लेटर में इस मुकदमें में अन्य चार वादी महिलाओं पर भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वो उन्हें प्रताड़ित कर रही हैं। साथ ही उनके अधिवक्ता भी प्रतड़ना कर रहे हैं। राखी सिंह ने इस मामले में राष्ट्रपति महोदय से 9 जून तक इसमें जवाब देने की बात कही है।

मुकदमों को क्लब करना भी एक कारण
उन्होंने आगे कहा कि हमें हिन्दू समाज़ में गद्दार घोषित करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन हमने ये सब बर्दाश्त कर लिया। यह सोच कर कि कुछ लोग क्रेडिट लेने व धन बटोरने के लिये यह सब कर रहे हैं। इससे हमें कोई फर्क नही पड़ता, क्रेडिट किसी को भी मिले, लेकिन उद्देश्य ज्ञानवापी बचना है। लेकिन सहन करने की सारी सीमा समाप्त तब हो गई जब उपरोक्त चार महिलाओं के माध्यम से ज्ञानवापी परिसर से संबंधित मुख्य मुकदमा भगवान आदि विशेश्वर विराजमान द्वारा किरन सिंह व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य उपरोक्त मुकदमें को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया जिसके कारण ज्ञानवापी परिसर हिन्दुओं को प्राप्त हो सकता था किंतु अब वह मुसलमानों के पक्ष में चली जाएगी ।

मेरे कारण चारों महिलाएं वर्चस्व में आईं
राखी सिंह ने आगे पत्र में लिखा है कि 'मैं कई दिनो से मानसिक दबाव में हूँ मुझे लगता है कि यदि मैंने श्रिंगार गौरी का नियमित पूजा का मुकदमा न डाला होता तो मेरी चार साथी महिलायें वर्चस्व में न आतीं और न ही भगवान आदि विशेश्वर विराजमान का मुकदमा खराब कर पातीं। मुझे लगता है कि मेरे ही कारण उपरोक्त चार महिलाएं वर्चस्व में आयीं और जिनके कारण ज्ञानवापी का मूल मुकदमा बर्बाद हो गया। इन चार महिलाओं के कारण न केवल सम्पूर्ण सनातन समाज को छति पहुंची है। उसी के साथ मेरे व विसेन परिवार के द्वारा किया गया सम्पूर्ण त्याग समर्पण व्यर्थ होता दिख रहा है। ऊपर मुकदमें को खराब करने वाले सभी लोगों के कृत्य से मैं बहुत आहत हूं और स्वयं को माफ नहीं कर पा रही हूं।'

जितेंद्र सिंह ने भी लगाया था आरोप

इसके पहले जितेंद्र सिंह बिसेन ने भी मानसिक प्रतड़ना और हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा गद्दार कहे जाने से आहत होकर और आर्थिक असमर्थता जताते हुए सभी मुकदमों को वापस लेने का एलान किया था। इसमें काशी और मथुरा से जुड़े सभी वो मुकदमें थे जिसमे जितेंद्र सिंह बिसेन या उनका परिवार जुड़ा हुआ था।

Updated on:
07 Jun 2023 01:21 pm
Published on:
07 Jun 2023 12:55 pm
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