IIT BHU का शोधः दूषित जल से हानिकारक तत्वों को बाहर करने का तरीका खोजा
वाराणसीPublished: May 06, 2022 02:36:29 pm
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बीएचयू (IIT BHU) स्थित स्कूल ऑफ बॉयोकेमिकल इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर और उनके शोधार्थियों की महत्वपूर्ण उपलब्धि। गंगा मिट्टी और बेंटोनाइट के सांचे के उपयोग कर जलीय चरण से कॉपर, निकेल और जिंक आयनों के निष्कासन में पाई सफलता। यह शोध इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायरमेंटल साइंस एंड टेक्नॉलजी (आईजेईएसटी में प्रकाशित हुआ है।


IIT BHU का शोध : दूषित जल से हानिकारक तत्वों को बाहर करने का तरीका खोजा
वाराणसी. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT BHU) के स्कूल ऑफ बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के शोधकर्ताओं ने दूषित पानी से हानिकारक कॉपर, निकेल और जिंक आयनों को साफ करने का आसान तरीके खोज निकाला है। हाल ही में किए गए शोध के तहत शोधकर्ताओं ने वाराणसी स्थित सामने घाट से गंगा मिट्टी और बेंटोनाइट मिट्टी का उपयोग करके सांचा तैयार किया। इस शोध में तांबा, निकल और जस्ता आयनों को सोखने की क्षमता के लिए सांचे का परीक्षण किया गया। सोखने की प्रक्रिया से पता चला कि प्रक्रिया के आधे घंटे के भीतर संतुलन हासिल कर लिया गया। इस अध्ययन के लिए इष्टतम पैरामीटर 6 का पीएच, 50 मिलीग्राम/लीटर की प्रारंभिक धातु आयन एकाग्रता, 30 मिनट का संपर्क समय और 35°C का तापमान था। लैंगमुइर की अधिकतम सोखने की क्षमता 0.086 mg/g, 0.045 mg/g, और 0.021 mg/g Ni2+, Cu2+ और Zn2+ क्रमशःआयनों के लिये पाई गई। यह शोध इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायरमेंटल साइंस एंड टेक्नॉलजी (आईजेईएसटी में प्रकाशित हुआ है जिसका प्रकाशक स्प्रिंगर है। इस पत्रिका का प्रभाव कारक 3.083 है।