
Kshatriya Bahubali
वाराणसी. संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत का विरोध करके सुर्खियों में आयी करणी सेना ने क्षत्रिय बाहुबलियों की नींद उड़ा दी है। करणी सेना ने जिस तरह से क्षत्रिय समाज में अपनी पैठ बनायी है, उससे राजनीतिक दल भी बैठफुट पर आ गये हैं।
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पूर्वांचल की बात की जाये तो क्षत्रिय समाज में कुछ बाहुबलियों की तगड़ी पैठ है। कुंडा के क्षत्रिय बाहुबली विधायक राजा भैया हो या फिर माफिया से माननीय बने बृजेश सिंह। जौनपुर के धनजंय सिंह व अभय सिंह का भी नाम इस सूची में आता है। क्षत्रिय समाज में राजा भैया को बड़ा नेता माना जाता है और क्षत्रिय राजनेता भी इन्हीं बाहुबलियों के साथ दिखते हैं। ब्रजभूषण शरण सिंह भी किसी से पीछे नहीं है और क्षत्रिय समाज पर उनका अपना रसूख है।पद्मावत फिल्म का विरोध करके करणी सेना ने एक अलग ही मुकाम बनाना शुरू कर दिया है। देश भर में करणी सेना ने विरोध प्रदर्शन करके क्षत्रिय समाज में अपनी ताकत दिखायी है, जिसके बाद से क्षत्रिय बाहुबलियों के लिए समाज पर पकड़ बनाये रखना आसान नहीं होगा।
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राजनीतिक दल भी नहीं कर रहे खुल कर विरोध
बीजेपी पर लगातार करणी सेना का पक्ष लेने का आरोप लग रहा है, लेकिन कांग्रेस, सपा व बसपा भी करणी सेना पर हमला बोलने से बच रही है, जिससे पता चल जाता है कि विभिन्न राजनीतिक दल क्षत्रिय समाज के वोटों के बचाने के लिए ही करणी सेना पर जुबानी हमला बोलने से भी परहेज कर रहे हैं। करणी सेना को अधिक लोग नहीं जानते थे लेकिन पद्मावत फिल्म के बाद से करणी सेना का नाम चर्चा में आ गया है। वर्ष 2019 में संसदीय चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में करणी सेना अपनी ताकत बढ़ाने में जुट गयी है, जिससे राजनीतिक जगत में भी अपनी ताकत दिखायी जा सके। यदि ऐसा हो जाता है तो फिर पूर्वांचल के क्षत्रिय बाहुबलियों को राजनीतिक क्षेत्र में बड़ा झटका लग जायेगा।
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Updated on:
27 Jan 2018 01:23 pm
Published on:
27 Jan 2018 12:33 pm
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