Gyanvapi Case : जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने श्रृंगार गौरी वाद की वादी संख्या एक राखी सिंह की याचिका पर बड़ा फैसला दिया है। इस फैसले में सभी साक्ष्यों को संरक्षित करने का निर्देश डीएम को दिया है। इस फैसले पर अब मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई है और रिवीजन पिटीशन डालने की बात कही है।
Gyanvapi Case : श्रृंगार गौरी की वादी राखी सिंह की याचिका पर जिला जज ने गुरुवार को बड़ा आदेश दिया। उन्होंने डीएम को निर्देशित किया है कि ASI सर्वे में मिल रहे सबूतों को सुरक्षित रखा जाए ताकि जांच में पारदर्शिता रहे और आवश्यकता पड़ने पर कोर्ट में उन्हें प्रस्तुत किया जा सके। इस आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष ने इसपर आपत्ति जताई है और कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ रिवीजन पिटीशन डालने की बात कही है।
कोर्ट ने दिया ये आदेश
श्रृंगार गौरी वादी की वादी राखी सिंह ने सर्वे में मिल रहे अवशेषों को संरक्षित करने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की थी। इसपर गुरुवार को जिला जज ने फैसला सुनाते हुए साक्ष्यों को सरंक्षित करने के लिए जिलाधिकारी को आदेश दिए जाने की मांग की थी। पिछली सुनवाई में इस पर बहस पूरी होने के बाद जिला जज ने डीएम वाराणसी एस. राजलिंगम को एएसआई सर्वे के संकलित साक्ष्यों को संरक्षित करने का आदेश दिया। वादी, प्रतिवादी समेत जिला जज और पुलिस कमिश्नर को आदेश की प्रति जारी करने का आदेश दिया।
मस्जिद कमेटी संतुष्ट नहीं
इस आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई है। मुस्लिम पक्ष इससे संतुष्ट नहीं है। मस्जिद कमेटी के अनुसार अभी सर्वे चल रहा है और एएसआई ने कोई रिपोर्ट कोर्ट में अभी नहीं पेश की है जिसमें मूर्तियां मिलने की बात कही गयी है। यह वादी पक्ष की परिकल्पना है और यह सिर्फ मस्जिद में हो रही सैकड़ों वर्षो से नमाज को रोकने की साजिश है।
डालेंगे रिवीजन पिटीशन
याचिका के विरोध में मसाजिद कमेटी ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि अभी सर्वे चल रहा है। एएसआई ने ऐसी कोई रिपोर्ट अदालत को नहीं दी है, जिसमें मूर्तियां मिलने की बात कही गई। यह वादी पक्ष की कल्पना है, कई सौ वर्षों से हो रही नमाज को रोकने के उद्देश्य से आवेदन दिया गया है। मसाजिद कमेटी ने यह भी कहा कि पिछले साल हुई एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान कोई मूर्ति, कलाकृतियां आदि नहीं मिली हैं इसलिए उनके संरक्षण का सवाल ही नहीं उठता है। कमेटी के वकील ने बताया कि रिवीजन पिटिशन दाखिल करेंगे।