वाराणसी में गंगा में डूबने का सिलसिला लगातार जारी है। खास तौर पर बाहरी लोगों का। मंगलवार को भी दो युवक दशाश्वमेध घाट के सामने उस पार गंगा में डूबने लगे। वो तो रुटीन विजिट पर रहे एनडीआरएफ की टीम ने उन्हें देख लिया और आनन-फानन में उन दोनों को बाहर निकाल लिया।
दिल्ली के युवकों को गंगा में डूबने से बचाने में जुटी एनडीआरएफ टीम
वाराणसी. काशी में गंगा में डूबने का सिलसिला जारी है। वो भी बाहरी लोगों का। मंगलवार को भी प्राचीन दशाश्वमेध घाट के उस पार दो युवक नहाते-नहाते अचानक गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे। वो इन डूबते युवको को समय रहते एनडीआरएफ की टीम ने देख लिया आनन-फानन में रेस्क्यू ऑपरेशन चला कर उन्हें बचा लिया। बताया जा रहा है कि दोनों युवक दिल्ली के मूल निवासी हैं।
शुक्रगुजार हैं एनडीआरएफ के जिन्होंने बचाई जान गंगा से सकुशल बाहर आने के बाद दिल्ली से आए बिट्टू ने बताया कि वो अपने मित्र विकास के साथ दर्शन-पूजन के लिए काशी आए थे। आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर गंगा किनारे घाटों पर लोग योगाभ्यास कर रहे थे तो उन दोनों ने नाव कर उस पार जा कर स्नान का फैसला किया। बताया कि गंगा में उतर कर स्नान के दौरान अचानक गहरे पानी में चले गए। युवक ने कहा कि ऊपर वाले का शुक्रिया कि जब हम दोनों डूब रहे थे तभी एनडीआरएफ टीम ने हमें देखा और फौरन बचाव के लिए आगे आए और कुछ ही देर में बाहर निकाल लिया। बिट्टू ने कहा कि हम एनडीआरएफ के शुक्रगुजार हैं और ताजिंदगी रहेंगे।
रूटीन गश्त पर थे एनडीआरएफ के जवान दरअसल जिस वक्त युवक गंगा में डूब रहे थे तब एनडीआरएफ के जवान रुटीन गश्त पर थे। एनडीआरएफ की 11वीं बटालियन के इंस्पेक्टर विनीत सिंह टीम के साथ दशाश्वमेध घाट से मोटरबोट से गंगा में रूटीन गश्त पर थे। उसी दौरान गंगा पार रामनगर की ओर से कुछ लोगों की आवाज सुनाई दी। उनकी आवाज सुन कर टीम तेजी से मौके पर पहुंची और आनन-फानन टीम के सदस्यों ने गंगा में छलांग लगा कर दोनों युवकों को बचा लिया।
जो तैरना नहीं जानते वो गहरे पानी में न जाय घटना के बाद एनडीआएफ 11वीं बटालियन के इंस्पेक्टर विनीत सिंह ने कहा कि नदी या बड़े जलाशय में स्नान करते वक्त हमेशा सतर्क रहना चाहिए। अगर तैरना नहीं जानते तो नदी या जलाशय तट से ज्यादा आगे नहीं जाना चाहिए। थोड़ी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है।