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पीएम नरेन्द्र मोदी की विरोधी दलों के लिए कबीर वाणी, जाति का चक्रव्यूह तोडऩे के लिए खेला संत कार्ड

काशी से एक बार फिर मगहर को जोड़ा, भाषण में सरकार की उपलब्धि बताना भी नहीं भूले

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PM Narendra Modi

PM Narendra Modi

वाराणसी. पीएम नरेन्द्र मोदी को जब भी मौका मिलता है तो वह सपा, बसपा व कांग्रेस पर हमला बोलने का मौका नहीं चुकते हैं। गुरुवार को मगहर में पीएम नरेन्द्र मोदी ने विरोधियों के लिए कबीर वाणी बोली। एक साथ इतने संत व महापुरुषों का नाम लेते हुए पीएम ने विरोधी दलों की जाति राजनीति पर भी प्रहार किया। काशी के सांसद पहली बार मगहर गये थे इस तरह उन्होंने एक बार फिर काशी व मगहर को जोड़ दिया।
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पीएम नरेन्द्र मोदी ने मगहर रैली में बताया कि किस तरह संत व महापुरुषों ने समाज से जाति प्रथा खत्म करने के साथ देश को एक सूत्र में बांधने का काम किया था। पीएम नरेन्द्र मोदी ने नानक, भगवान बुद्ध, महावीर, रामानुजाचार्य, रामानंद, संत कबीर, रैदास, महात्मा फूले, महात्मा गांधी व डा.भीमराव आंबेडकर के नाम को मंच से गिनाया। इसके अतिरिक्त पीएम नरेन्द्र मोदी ने उत्तर, दक्षिण, पूर्व व पश्चिम क्षेत्र के संतों का जिक्र करते हुए कहा कि देश की चेतना को इन्हीं संतों ने बचाये रखा है। पीएम मोदी ने कहा कि संत हमेशा से कहते थे कि मानव की एक जाति होती है इन्हें अलग-अलग जाति में नहीं बांटना चाहिए।
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महागठबंधन का वोट बैंक पर कब्जा के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी ने चला दांव
पीएम नरेन्द्र मोदी ने राहुल गांधी, अखिलेश यादव, मायावती के महागठबंध के वोट बैंक पर कब्जा करने के लिए ही नया दांव चल दिया है। भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि संतों ने मानव की एक जाति बताया है इसके बाद भी संतों के नाम पर राजीनीति करने वाले इस बात को नहीं समझ पाये हैं। पीएम मोदी के इस भाषण में छिपा संदेश था कि यूपी की जनता इस जाति कार्ड में न फंसे। वह विकास को ध्यान में रखते हुए ही आगे की सोचे। राजनीतिक रुप से पीएम नरेन्द्र मोदी की इस रैली को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पीएम मोदी ने महागठबंधन के जाति कार्ड को फेल करने के लिए अपना तीर चला दिया है साथ ही करोड़ों कबीर अनुयायिायों को बीजेपी की तरफ करने का भी प्रयास किया है। पीएम मोदी के इस अभियान का लोकसभा चुनाव २०१९ में कितना फायदा होगा। यह तो समय ही बतायेगा, लेकिन यह साफ हो चुका है कि पीएम नरेन्द्र मोदी अब पूरी तरह चुनावी मूड में आ गये हैं।
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