
संविधान की प्रति जलाने पर काशी में आक्रोश
वाराणसी. आरक्षण विरोध के नाम पर नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर संविधान की प्रति जलाने तथा भीमराव अम्बेडकर को अपशब्द कहने पर काशी में सोमवार को जबरदस्त आक्रोश दिखा। गैर भाजपा दलों ने इसका कड़े शब्दों में प्रतिकार किया। जुलूस निकाला और जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। साथ ही केंद्र सरकार से ऐसे लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
बता दें कि गत नौ अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर कुछ असामाजिक तत्वों ने आरक्षण विरोध के नाम पर संविधान की प्रति जला दी थी, साथ ही डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाए थे। ऐसी घटना पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी हो रही है। इस घटना के विरोध में काशी मे विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक संगठनों ने सोमवार को अम्बेडकर पार्क कचहरी से जबरदस्त नारेबाजी करते हुए पैदल जुलूस निकाल कर जिला मुख्यालय घेर कर ज्ञापन दिया। ज्ञापन में संविधान की प्रति जलाने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की गई।
संसद की नाक के नीचे संविधान की प्रतियां जलाई, भीम राव अम्बेकर को अपशब्द कहे, कार्रवाई शून्य
प्रदर्शनकारियों का जत्था जुलूस की शक्ल में संगठन का झंडा बैनर व अपनी मांगों से लिखी तख्तियां लेकर अम्बेडकर पार्क से निकला जो गोलघर चौराहा, होते हुए कचहरी स्थित जिला मुख्यालय के समक्ष पहुंचा, वहां जबरदस्त प्रदर्शन किया। जुलूस में शामिल लोग 'संविधान का अपमान नही सहेगा हिंदुस्तान', 'डॉ आम्बेडकर ज़िन्दाबाद', 'संविधान विरोधी होश में आओ', 'बाबा साहेब का मिशन अधूरा हम सब मिलकर करेंगे पूरा' जैसे नारे लगा रहे थे। वक्ताओं ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि 9 अगस्त को संसद के नाक के नीचे आरक्षण विरोधियों ने संविधान की प्रति जलाई है, अम्बेडकर, संविधान मुर्दाबाद मनुवाद-जिंदाबाद जैसे आपत्तिजनक नारे लगाए हैं। लेकिन अभी तक संविधान का अपमान करनेवालों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
केंद्र सरकार पर मनुवादियों को संरक्षण देने का आरोप
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मनुवादी ताकतों को संरक्षण दे रही है. इसलिए ऐसी शक्तियां दलितों-वंचितों पर जुल्म ढ़ा रही है. आरक्षण संविधान प्रदत्त अधिकार है, इससे छेड़छाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. हम संविधान जलाने के दोषियों को अविलंब गिरफ्तार कर उनकी नागरिकता रद्द कर कठोर सजा की मांग करते है, नही तो पूरे देश भर में उग्र आंदोलन की चेतावनी दिया
'अट्रोसिटी के तहत हो कार्रवाई'
लोगों ने मांग की कि, इस घटना में शामिल सभी आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करके उनके खिलाफ अट्रोसिटी के तहत कड़ी कार्रवाई की जाए। यह भी कहा कि जिस समय यह घटना घटी वहां कई पुलिस वाले भी थे जो मूकदर्शक बन कर खड़े थे इसीलिए उनके खिलाफ भी कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड किया जाएं।
दिल्ली में हुई थी घटना
आपको बता दें कि सरकार द्वारा एसी/एसटी एक्ट पास करने के विरोध में दिल्ली के जंतर मंतर में 9 अगस्त को दो अलग-अलग संस्थाएं यूथ फॉर इक्वैलिटी फाउंडेशन (आजाद सेना) और आरक्षण विरोधी पार्टी संयुक्त रूप से संसद मार्ग पर विरोध प्रदर्शन कर रहीं थीं। इसी दौरान इस विरोध प्रदर्शन में संविधान की प्रति जलाई गईं और डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाए गए।
इन संगठनों की रही भागीदारी
इस दौई राष्ट्रीय इंकलाबी दलित आदिवासी मंच (रिदम), अनुसूचित जाति कर्मचारी संगठन, आरक्षण बचाओ समिति, सफाई कर्मचारी संघ, सरदार सेना समेत कई संगठनों के सैकड़ों लोग शामिल रहे।
Published on:
13 Aug 2018 08:28 pm
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