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आठ साल तक मृत रहा, अब पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव

खास उद्देश्य के लिए राष्ट्रपति चुनाव लडऩे से लेकर बच्चे के अपहरण की घटना को दे चुका है अंजाम, जानिए क्या है कहानी

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PM Narendra Modi

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वाराणसी. बीजेपी ने वाराणसी संसदीय सीट से पीएम नरेन्द्र मोदी को फिर से प्रत्याशी बनाया है। इसके बाद से बनारस सीट पर एक से एक प्रत्याशी उतरने की होड़ मची है। कभी कांग्रेस की राष्र्टीय महासचिव प्रियंका गांधी के चुनाव लडऩे की अटकले लगती है तो कभी भीम आर्मी के चीफ चन्द्रशेखर व बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव यहां से चुनाव लडऩे का ऐलान कर देते हैं। इसी क्रम में अब एक ऐसे व्यक्ति ने यहां पर चुनाव लडऩे की तैयारी की है जो आठ साल तक मृत रहा और खास उद्देश्य के लिए राष्ट्रपति चुनाव लडऩे से लेकर बच्चे तक का अपरहण तक की घटना को अंजाम दे चुके हैं।
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IMAGE CREDIT: Patrika

आजमगढ़ जिले के सगरी ब्लाक के गोराईपटटी गांव के रामअवतार यादव ने पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लडऩे का ऐलान किया है। रामअवतार की कहानी अपने आप में बेहद अनोखी है। रिश्तेदारों ने वर्ष 2005 में एक बीघा जमीन के लिए रामअवतार यादव को सरकारी दस्तावेज में मृत दिखा दिया था। इसके बाद रामअवतार ने खुद को जीवित साबित करने की बड़ी लड़ाई लड़ी। आठ साल तक सरकारी कागजात में मृत रहे रामअवतार यादव ने कागज की गड़बड़ी को तो ठीक करा दिया था लेकिन आज भी उन्हें उनका हक नहीं मिला है। सरकारी दस्तावेजों में फिर से नाम तो दर्ज हो गया है लेकिन जमीन पर कब्जा आज तक नहीं मिला है। सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ रामअतवार यादव की लड़ाई में मृतक संघ ने बहुत साथ दिया था। मृतक संघ के संस्थापक लाल बिहारी यादव जब 21 साल के थे तो उनके रिश्तेदारों ने मुर्दा घोषित कर दिया था इसके बाद लाल बिहारी यादव ने मृतक संघ बनाया है जो ऐसे लोगों की लड़ाई लड़ता है जिनके अपने किस लालच में उन्हें कागजात में मृत दिखा देते हैं।
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मुलायम सिंह यादव के खिलाफ हो गया था पर्चा खारिज, अब पीएम मोदी के खिलाफ उतरेंगे चुनाव में
रामअवतार यादव ने वर्ष 2014 के संसदीय चुनाव में सपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लडऩे के लिए नामांकन किया था लेकिन तकनीकी कारणों से उनका पर्चा निरस्त हो गया था अब पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लडऩे जा रहे हैं। मृतक संघ का मानना है कि बनारस से चुनाव लडऩे के पीछे का मुख्य कारण है सरकारी भ्रष्टाचार की सभी को जानकारी देना है। ऐसे लोगों का दर्द सबसे सामने लाना है, जिनके अपने ही पैसों की लालच में उन्हें मृत घोषित कर देते हैं और जिंदा होते हुए भी उन्हें जीवित होने का प्रमाण देने में वर्षों लग जाते हैं। फिलहाल मृतक संघ ने राम अवतार यादव के लिए चंदा जुटाने में जुटा है जिससे वह बनारस से चुनाव लड़ सके।
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