वाराणसी । 20जून 2006, दिन का वक्त था। तत्कालीन राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ कलाम ने आफिस आफ प्राफिट बिल को संसद को वापस कर दिया था, जिसकी वजह से कांग्रेस पार्टी डॉ कलाम से बेहद नाखुश थी। इन सबके बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेहद नजदीक कहे जाने वाले कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी अपने कुछ अमेरिकी दोस्तों के साथ दिल्ली में बैठे हुए थे। राशिद अल्वी ने अपनी बातें शुरू की उन्होंने कहा 'जुलाई में
मानसून शुरू होने से पूर्व हमारी सरकार गिर सकती है ,पार्टी को डॉ कलाम और
मुलायम सिंह यादव के रिश्ते की वजह से बेहद चिंता हो रही है, अग्नि मिसाइल के कार्यक्रम को आगे बढाने में मुलायम का महत्वपूर्ण योगदान है और यह बात किसी से नहीं छिपी है कि डॉ कलाम ,
मुलायम सिंह यादव के प्रति विशेष अनुराग रखते हैं'। राशिद अल्वी के पास बैठे उनके अमेरिकी मित्र चौंक उठे जब उन्होंने कहा कि यह संभव है कि सपा और भाजपा मिलकर केंद्र में सरकार बनाने का दावा करें और राष्ट्रप्रति उनके प्रस्ताव को मान ले'। मुलायम एक बार फिर चर्चा में है। अब चर्चा इस बात की है कि पुत्र
अखिलेश यादव के कथित विश्वासघात और देश की राजनीति में अचानक हाशिये पर धकेल दिए जाने के संताप का भाजपा अपने पक्ष में इस्तेमाल कर सकती है। निस्संदेह इसमें भाजपा का भी फायदा निहित है कि वो मुलायम का इस्तेमाल कर किसी संभावित महागठबंधन को कमजोर कर सके।