
Mahamrityunjaya Temple
वाराणसी. काशी के कण-कण में शंकर है। बनारस में ऊर्जा का ऐसा आपार क्षेत्र है कि खुद महादेव ने इस नगरी का चयन किया था। धार्मिक मान्यता है कि महादेव की नगरी काशी भोलेनाथ के त्रिशूल पर टिकी हुई है। सावन में काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शने करने देश से करोड़ों लोग आते हैं। शहर में शिव का एक मंदिर ऐसा भी है जहां पर दर्शन करने से भक्त की अकाल मृत्यु नहीं होती है।
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बनारस के दारानगर स्थित महामृत्युंजय मंदिर ऐसा है, जहां पर दर्शन करने आने वालों को अकाल मृत्यु से अभय मिल जाता है। मंदिर का धार्मिक महत्व इतना अधिक है कि यहां पर आने वाले भक्तों की असाध्य रोगों से भी रक्षा होती है। काशी के खंडोक्त द्वादश ज्योतिर्लिंग में शामिल महामृत्युंजय के मदिर में प्रतिदिन दर्शन करने वालों की भीड़ लगी होती है। प्रत्येक सोमवार को सबसे अधिक दशनार्थी यहां पर पहुंचते हैं जबकि सावन के सोमवार को तो यहां पर दर्शन करने में काफी समय लग जाता है। धार्मिक मान्यता है कि भोलेनाथ यहां पर महामृत्युंजय महादेव के रुप में विराजमान है। जो भक्त यहां पर 40 सोमवार लगातार दर्शन करने आता है उसके जीवन में आने वाली सारी बाधा खत्म हो जाती है और सफलता के द्वार खुल जाते हैं। मंदिर में सवा लाख महामृत्युजंय मंत्र का जाप कराने से अकाल मृत्यु का खतरा हमेशा के लिए टल जाता है। यदि किसी व्यक्ति की ग्रहदशा ठीक नहीं चल रही है तो भी यहां पर दर्शन करने से सारी बाधा दूर हो जाती है। अन्य शिव मंदिर की तरह महामृत्युंज महादेव मंदिर में भी भक्त, मदार की माला, दूध, फल आदि चढ़ा कर प्रभु का आशीर्वाद ले सकते हैं। काशी के लोगों में महामृत्युंजय मंदिर के प्रति इतनी आस्था है कि वह यहां पर दर्शन करने अवश्य आते हैं।
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Published on:
10 Aug 2019 11:52 am
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