
Cm Yogi Adityanath
वाराणसी. यूपी के गोरखपुर और फूलपुर इन दोनों सीटों के लिए उम्मीदवार उतार दिए गए हैं। उपचुनाव 11 मार्च को होना है। जहां बीजेपी ने गोरखपुर सीट से उपेंद्र दत्त शुक्ला जबकि फूलपुर सीट से कौशलेंद्र सिंह पटेल को टिकट दिया है। सूत्रों के मुताबिक गोरखपुर से सीएम योगी आदित्यनाथ अपने किसी करीबी नेता को टिकट दिलाना चाह रहे थे, जबकि फूलपुर से केशव प्रसाद मौर्या अपनी पत्नी के लिए पार्टी से टिकट मांग रहे थे। लेकिन पार्टी ने केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला के पसंद उपेद्र दत्त शुक्ला को टिकट दे दिया। बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में उपेंद्र दत्त शुक्ला टिकट मांग रहे थे, लेकिन योगी आदित्यनाथ के दबाव में उन्हें टिकट नहीं दिया गया था।
28 साल से मंदिर के पास थी यह सीट
गोरखपुर सीट से सीएम योगी आदित्यनाथ अपने पसंद का उम्मीदवार चुनना चाहते थे। वह चाहते थे कि यह सीट मंदिर के पास ही रहे। वह 28 साल से चल रहे इस मंदिर के परम्परा को तोड़ना नहीं चाहते थे। मंदिर से जुड़े दिग्विज? नाथ ??, अवैद्यनाथ और आदित्यनाथ सांसद रह चुके थे। 1989 से लगातार मंदिर के पास है। आदित्यनाथ 1998 से लगातार बीजेपी की टिकट पर गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
सीएम योगी को इस वजह से लगा तगड़ा झटका
सीएम योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर में शिव प्रताप शुक्ल ने ये दूसरा झटका दिया है। उपचुनाव में अपने पंसद का प्रत्याशी उतारकर। पहला झटका इन्हें तब लगा था जब इन्हें मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में मंत्री बनाया गया था। अब शिव प्रताप शुक्ला और उपेंद्र दत्त शुक्ला दोनों ही योगी आदित्यनाथ के हाथिए पर लगभग एक दशक से थे। लेकिन योगी आदित्यनाथ जिस शिव प्रताप शुक्ला को सांसद नहीं बनने देना चाहे आज वह वित्त मंत्री हैं। इन्हें बीजेपी में ब्राह्मणों के एक प्रभावी चेहरे को तौर पर देखा जाता है। वहीं योगी को राजपूतों का बड़ा नेता माना जाता है। ऐसे में दोनों के बीच राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई पुरानी है। जिसमें अब शिव प्रताप शुक्ला भारी पड़ते जा रहे हैं।
सीएम योगी के ही गांव के हैं शिव प्रताप शुक्ला
शिव प्रताप शुक्ला सीएम योगी आदित्यनाथ के ही गांव से हैं। शिव प्रताप शुक्ला उत्तरप्रदेश विधानसभा की सदस्यता के लिए 1989,1991,1993 और 1996 में लगातार चार बार चुने गए। ये यूपी के उसी इलाके से आते हैं, जहां से सीएम योगी आदित्यनाथ आते हैं। राजनीतिक गलियारे में ये भी चर्चा का विषय है कि सीएम योगी ने शिव प्रताप के लिए सिफारिश की है। शिव प्रसाद उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में आठ वर्ष मंत्री रहे और उन्हें अपने कार्यकाल में ग्रामीण विकास, शिक्षा तथा जेल सुधार की दिशा में किए गए कार्यों के लिए जाना जाता है। एक अप्रैल 1952 को उत्तर प्रदेश के रुद्रपुर के खजनी में जन्में शुक्ला के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1970 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता के तौर पर हुई थी। इसके बाद 1981 में वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रांतीय सचिव चुने गए। छात्र आंदोलन में उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। आपातकाल के दौरान उन्हें मीसा के तहत गिरफ्तार किया गया था। 26 जून 1975 से 1977 तक वह 19 महीने जेल में रहे। गोरखपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी करने वाले शिव प्रताप के परिवार में पत्नी और तीन पुत्रियां हैं।
Updated on:
28 Feb 2018 03:04 pm
Published on:
28 Feb 2018 02:56 pm
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