
मां तुलसी और पीपल
वाराणसी. यूं तो श्रावण मास भगवान शंकर का प्रिय महीना है। लेकिन श्रावण मास की अमावस्य के दिन भगवान विष्णु की आराधना करने और पीपल व तुलसी का पौधा लगाने या पीपल वृक्ष में जलदान से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली बढ़ती है। माना जाता है कि पीपल वृक्ष में भगवान श्री हरि और तुलसी श्री हरि को अति प्रिय हैं।ऐसे में आज के इस विशिष्ट दिन पर गंगा स्नान व भगवान शंकर-पार्वती के साथ ही विष्णु-उमा का पूजन करने को भक्तों की भीड़ उमड़ पड़़ी है काशी में। इसे हरियाली अमावस्या भी कहते हैं।
लगाएं पीपल व तुलसी का पौधा और करें सेवा
श्रावण अमावस्या यानी आज के दिन "ॐ उमा महेश्वराय नमः"मंत्र का जप करने से भगवान भोलेनाथ भगवान उमा यानी माता पार्वती की कृपा मिलती है। साथ ही इस दिन किसी मंदिर अथवा सार्वजनिक स्थान पीपल और तुलसी का पौधा लगाना चाहिए, उसकी देखभाल भी करनी चाहिए, जैसे-जैसे यह पौधा विकसित होगा वैसे वैसे दंपत्ति के जीवन में भी सुख-समृद्धि और खुशहाली बढ़ेगी
तीन विशिष्ट संयोग
ज्योतिषाचार्य पंडित देवमूर्ति शास्त्री के अनुसार श्रावण अमावस्या को तीन-तीन विशिष्ट संयोग भी बन रहा है। इसके तहत सआज गुरुवार के साथ ही पुष्य नक्षत्र के गुरु-पुष्य योग के अतिरिक्त सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत योग भी बना रहा है जो पूरे दिन रहेगा। ऐसा कई वर्षों बाद हो रहा है, इसके चलते बाबा के जलाभिषेक व पूजन का विशेष लाभ तो मिलेगा ही साथ ही श्री विष्णु और मां लक्ष्मी के पूजन का भी विशेष महत्व है।
पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति
अमावस्या तिथि बुधवार 27 जुलाई को रात्रि 9:12 पर लग चुकी है, जो गुरुवार 28 जुलाई की रात्रि 11:25 तक रहेगी। इसके चलते हरियाली अमावस्या का पर्व 28 जुलाई को ही मनाया जाएगा। स्नान दान करते हुए अमावस्या के दिन पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति यथोचित पूजन-अर्चन से इससे मुक्ति पा सकते हैं।
बुधवार की शाम से ही कांवरियं के आगमन का लगा है तांता
श्रावण मास की इस तिथि को बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक को कांवरियों के काशी आगमन का तांता लगा है। गुरुवार को गंगा स्नान और बाबा के जलाभिषेक संग भक्त जन श्री विष्णु व मां लक्ष्मी का भी पूजन करेंगे।
Published on:
28 Jul 2022 10:59 am
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