scriptहर महिला के सपने हो रहे हैं पूरे, बेटियों का बेखौफ होकर बोलना ही ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं’ की सबसे बड़ी सफलताः स्मृति ईरानी | Smriti Irani held Zonal meeting on 8 years achievement of WCD ministry | Patrika News

हर महिला के सपने हो रहे हैं पूरे, बेटियों का बेखौफ होकर बोलना ही ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं’ की सबसे बड़ी सफलताः स्मृति ईरानी

locationवाराणसीPublished: Jun 06, 2022 06:54:18 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सोमवार को वाराणसी में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की 8 साल की उपलब्धियों की समीक्षा की। समीक्षा के बाद उन्होंने कहा कि हर महिला के सपने पूरे हो रहे हैं। बेटियों का बेखौफ होकर बोलना ही ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं’ की सबसे बड़ी सफलता है। बताया कि हेल्पलाइन नंबर 1098 की मदद से 18 लाख बच्चों को संरक्षित किया गया। महिला हेल्पलाइन नंबरों की मदद से 70 लाख महिलाएं लाभान्वित हुईं।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की 8 साल की उपलब्धियों की समीक्षा के दौरान स्मृति ईरानी

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की 8 साल की उपलब्धियों की समीक्षा के दौरान स्मृति ईरानी

वाराणसी. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है की केंद्र सरकार ने महिलाओं और बालिकाओं के लिए अनेक कल्याणकारी योजना संचालित की है, जिनका उन्हें भरपूर लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि एक दौर था जब महिलाएं सपना देखती थी पर बोलने का अधिकार और हिम्मत उनमे नहीं थी। अब छोटी उम्र में ही लड़कियां जो सपना देख रही है, उन्हें विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उनके सपने जरूर पूरे होंगे। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ईरानी सोमवार को वाराणसी में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की 8 साल की उपलब्धियों की समीक्षा के लिए आयोजित जोनल और सब जोनल बैठक को सम्बोधित कर रहीं थी। उन्होंने कहा कि आज दो पीढ़ियों का फर्क स्पष्ट नजर आ रहा है। ये बात यहां की चर्चा से निकलकर आईं हैं। आज महिलाएं जो सपने देख रही हैं वह सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पूरे करने में भी सफल हो रही हैं।
हेल्पलाइन नंबर से 18 लाख बच्चों का संरक्षण

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हेल्पलाइन नंबर 1098 की मदद से 2014 से लेकर 2021 तक करीब 18 लाख बच्चों का संरक्षण किया गया है। इसी तरह मंत्रालय की पहल से 21 लाख बच्चियों को 18 वर्ष से पूर्व शादी करने से रोककर उनके जीवन को संवारा गया। महिलाओं के लिए विभिन्न तरह की कई हेल्पलाइन नंबर चलाई जा रही है। इसके माध्यम से करीब 70 लाख महिलाओं को विभिन्न तरीकों से मदद पहुंचाई गई है।
विभिन्न महिलाओं और बालिकाओं संग की बातचीत और जानी उनकी प्रतिक्रिया
महिला प्रतिभगियों के कठिन परिश्रम से सफलता प्राप्ति का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह महिलाओं और बेटियों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। उनके इन बातों से दूसरे बेटियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। उन्होंने महिलाओं को अपनी क्षमता को पहचान कर आगे बढ़ने का आह्वान किया।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की 8 साल की उपलब्धियों की समीक्षा के दौरान स्मृति ईरानी
बेटियों ने आईएएस या बैंक ऑफिसर बन नव भारत के निर्माण में योगादान देने की बात कही

कार्यक्रम के दौरान कुछ बेटियों ने आईएएस ऑफिसर, बैंक ऑफिसर और शिक्षक बनकर नव भारत के निर्माण में अपना योगदान देने की बात कही। ये वे बच्चियां थीं जो कम उम्र में अपने माता पिता को खो दिया और विभिन्न सेंटर में रहकर मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सहायता प्राप्त कर अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इन बच्चियों को अपने सपने साकार करने के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि बेटियों का बेखौफ होकर बोलना ही हमारी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं’ की सबसे बड़ी सफलता है।
महिलाओं व बेटियों को उपलबध कराया जा रहा सेनेटरी पैड
केन्द्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने लालकिले की प्राचीर से कहा था कि जन औषधि केन्द्रों से एक रूपए में प्रति सेनेटरी पैड उपलब्ध कराएंगे, तो आज हम सभी माताओं और बहनों को मासिक धर्म की सुरक्षा के लिए उनके संकल्प अनुसार सेनेटरी पैड 8 हज़ार से ज्यादा जन औषधि केंद्र के माध्यम से उपलब्ध करवा पा रहे हैं।
महिलाओं को दिए गए 4 करोड़ के ऋण

उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि समूह की महिलाओं के उत्थान के लिए अब तक चार लाख करोड़ रुपए बैंक के लोन के रूप में देने का काम माननीय मोदी जी के नेतृत्व में किया गया है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ियों की दीदियों, केन्द्र और राज्य के सभी संस्थाओं का हार्दिक आभार है, जिन्होंने पोषण को एक जनआंदोलन बना दिया।
बेटियों की सुरक्षा को 9 हजार करोड़ का फंड

स्मृति ईरानी ने बताया कि सरकार ने 9 हज़ार करोड़ का निर्भया फण्ड के रूप में बेटियों की सुरक्षा के लिए आवंटित किया है। इस फण्ड के माध्यम से हर पुलिस थाने में एमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम की स्थापना, फास्टट्रैक कोर्ट की स्थापना और रेलवे स्टेशनों पर इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम की स्थापना की गई है। इसके माध्यम से 80 हजार से ज्यादा मामलों का समाधान किया जा चुका है । उन्होंने बताया कि कोरोना की महामारी से अनाथ हुए बच्चों को उनकी शिक्षा और पालन पोषण के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन के माध्यम से सहायता उपलब्ध करायी गयी है।
ये रहे मौजूद

इस मौके पर केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. मुंजपारा महेन्द्रभाई, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव इंदीवर पांडेय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एडिशनल सचिव अदिति दास राउत सहित उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के प्रतिनिधि और अनेक जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे। यूएन, यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने भी अपना प्रजेंटेशन दिया। महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश के निदेशक मनोज राय ने अतिथियों को स्वागत किया। बाद मे केंद्रीय मंत्री ने पंडित दीन दयाल अस्पताल स्थित वन स्टॉप सेंटर का दौरा कर सेंटर मे लड़कियों व महिलाओं का हाल जाना।
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