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बीजेपी के लिए कभी संकटमोचक बनी थी स्वाति सिंह, अब पार्टी की बढ़ायी परेशानी

locationवाराणसीPublished: Nov 16, 2019 12:58:27 pm

Submitted by:

Devesh Singh

बसपा सुप्रीमो मायावती से सीधी टक्कर लेकर राजनीति में आयी, जानिए क्या है कहानी

Minister Swati Singh

Minister Swati Singh

वाराणसी. बीजेपी मंत्री स्वाति सिंह का लखनऊ के सीओ कैंट से ऑडियो वायरल हो जाने के बाद वह फिर से चर्चा में आ गयी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में स्वाति सिंह को तलब किया है। इसके बाद क्या निर्णय होता है यह तो समय ही बतायेगा। फिलहाल बीजेपी की जो मंत्री कभी पार्टी के लिए संकटमोचक बनी थी। वही अब परेशानी का कारण बन गयी है।
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स्वाति सिंह का राजनीति में अचानक ही प्रवेश हुआ है। स्वाति सिंह के पति दयाशंकर सिंह बीजेपी के नेता है। बलिया में दयाशंकर सिंह अपनी राजनीति चमकाने में जुटे रहते थे। वर्ष 2014 में केन्द्र में पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार आ जाने के बाद बीजेपी का सारा फोकस यूपी चुनाव 2017 जीतना था इसके लिए बीजेपी के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह ने खास रणनीति पर काम शुरू कर दिया था। यूपी में उस समय अखिलेश यादव की सरकार थी। इसी बीच जुलाई 2016 में बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह ने बसपा सुप्रीमो मायावती को लेकर अपमानजनक टिप्पणी कर दी। इसके बाद तो प्रदेश की राजनीति में सियासी तूफान आ गया था। बसपा ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया और बीजेपी पर जमकर हमला बोला। बीजेपी पूरी तरह से बैकफुट पर आ चुकी थी बीजेपी का समझ नहीं आ रहा था कि कैसे ड्रेमेज कंट्रोल किया जाये। बीजेपी लगातार घिरती जा रही थी। बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को इस लड़ाई में कूदना पड़ा था उन्हें बसपा सुप्रीमो मायावती का गुस्सा शांत करने के लिए गेस्ट हाउस कांड में बीजेपी द्वारा की गयी मदद तक याद दिलानी पड़ी थी लेकिन इसका भी कुछ फायदा नहीं हुआ था। यूपी चुनाव के साल भर पहले ही बीजेपी ऐसे भंवर में फंस चुकी थी जहां से निकला बहुत कठिन था। बीजेपी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दयाशंकर सिंह को पार्टी से छह साल के निष्कासित कर दिया था। इसी बीच बसपा के तत्कालीन नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने दयाशंकर सिंह पर हमला बोलते हुए उनकी पत्नी स्वाति सिंह व बच्ची पर विवादित बयान दे दिया। इसके बाद दयाशंकर सिंह की अध्यापक पत्नी स्वाति सिंह ने बसपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। स्वाति सिंह ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बयान के नारी अस्मिता के साथ ऐसा जोड़ा कि बसपा का दांव फेल होने लगा। स्वाति सिंह ने जिस अंदाज में बसपा सुप्रीमो मायावती को जवाब दिया था उससे बीजेपी को हारी बाजी में जीत की राह दिख गयी। बीजेपी ने स्वाति सिंह को लेकर बड़ा आंदोलन कर दिया। बेटी के सम्मान में बीजेपी मैदान में नारे के साथ कार्यकर्ता सड़क पर उतर गये। बसपा ने जिस तेजी से दयाशंकर सिंह के बयान पर पलटवार किया था उतनी ही तेजी से नसीमुद्दीन सिद्दीकी का बयान पार्टी के लिए गले की हड्डी बन गयी। इसी लड़ाई में विजयी होकर स्वाति सिंह के राजनीतिक जीवन का उदय हुआ था। बीजेपी ने अपने लिए संकटमोचक बनी स्वाति सिंह को राज्य महिला विंग का अध्यक्ष बना दिया। दयाशंकर सिंह की पार्टी में वापसी हो गयी। दयाशंकर सिंह खुद बलिया से चुनाव लडऩा चाहते थे लेकिन पार्टी ने स्वाति सिंह को लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से 2017 में टिकट मिला और वह चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंची। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री भी बनी। इसके बाद से समय-समय पर स्वाति सिंह सुर्खियों में रहती है। कभी बियर बार का उद्घाटन करने पर उनका नाम सुर्खियों में आया था तो कभी सीओ को फोन कर मुकदमा नहीं लिखने का ऑडियो वायरल होने के बाद वह चर्चा में है।
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