वाराणसी. सीएम योगी आदित्यनाथ के शासन काल में यूपी बोर्ड की कुछ इस तरह से हो रही है परीक्षा कि केंद्र व्यवस्थापक केंद्रों पर छात्रों की जम कर पिटाई कर रहे हैं। इतना ही नहीं पिस्टल से धमकाया भी जा रहा है। जिले के एक केंद्र व्यवस्थापक तो डंके की चोट अपने अधिकारी तक को यह बता रहे हैं कि हमने सब कुछ टाईट कर रखा है, कई छात्रों की पिटाई भी की है जम कर।
इस बार की बोर्ड परीक्षा में काफी सख्ती बरते जाने की बातें की जा रही हैं। कहा जा रहा है कि चिट पुर्जी से नकल तो दूर परीक्षार्थियों को सिर तक घुमाने की इजाजत नहीं है। दावा किया जा रहा है कि इस सख्ती के चलते ही लाखों विद्यार्थियों ने परीक्षा ही छोड़ दी है। बनारस जिले में ही एक लाख के करीब छात्र-छात्राएं परीक्षा छोड़ चुके हैं। योगी सरकार इसे अपनी उपलब्धि मान रही है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने 2017 विधानसभा चुनाव में यूपी बोर्ड की परीक्षा को मुद्दा बनाया था। इस बार योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को इतनी सख्त हिदायत दे रखी है कि उनकी भी जान आफत में हैं।
सीएम और यूपी बोर्ड के अधिकारियों के निर्देश का आलम यह है कि अब परीक्षा केंद्रों पर शिक्षाधिकारी और केंद्र व्यवस्थापक टेबुल पर खुली पिस्टल रख दे रहे हैं। जम कर पिटाई की जा रही है। केंद्र व्यवस्थापकों का कहना है कि सब कुछ टाइट कर दिया है। कई छात्रों की पिटाई भी की है। केंद्र व्यवस्थापक शिक्षाधिकारियों के आगे अपनी तारीफ के पुल बांधते नहीं थक रहे हैं। इस तरह का एक वीडियो पत्रिका के हाथ लगा जिसमें परीक्षा केंद्रों की हकीकत खुल कर सामने आ गई।
हालांकि सीएम योगी आदित्य नाथ ? हों या यूपी बोर्ड के अधिकारी किसी ने यह निर्देश कतई नहीं दिया है कि परीक्षा केंद्र पर किसी छात्र की पिटाई की जाए। छात्रों को असलहों से धमकाया जाए। लेकिन वो निर्देश से कहीं ज्यादा कड़ाई के चक्कर में शासनस की मंशा को धता बताते हुए अतिरेक में कुछ ज्यादा ही कर गुजरने से गुरेज तक नहीं कर रहे हैं।