scriptवाराणसी-गोरखपुर के बीच शुरू होगी यूपी की पहली सीप्लेन सेवा, दोनों शहरों को मिलेंगे कई फायदे | UP's first seaplane service will start between Varanasi-Gorakhpur | Patrika News

वाराणसी-गोरखपुर के बीच शुरू होगी यूपी की पहली सीप्लेन सेवा, दोनों शहरों को मिलेंगे कई फायदे

locationवाराणसीPublished: Sep 08, 2021 04:14:08 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

UP’s first seaplane service will start between Varanasi-Gorakhpur- योगी सरकार (UP Government) ने वाराणसी से गोरखपुर के बीच राज्य के पहले सीप्लेन रूट सेवा शुरू करने का प्रस्ताव तैयार किया है।

UP's first seaplane service will start between Varanasi-Gorakhpur

UP’s first seaplane service will start between Varanasi-Gorakhpur

वाराणसी. UP’s first seaplane service will start between Varanasi-Goraakhpur- योगी सरकार (UP Government) ने वाराणसी से गोरखपुर के बीच राज्य के पहले सीप्लेन रूट सेवा शुरू करने का प्रस्ताव तैयार किया है। इन दोनों शहरों के बीच सीप्लेन सेवा शुरू करने के लिए योगी सरकार ने नागर विमानन मंत्रालय भारत सरकार को पत्र लिखा है। वाराणसी-गोरखपुर हवाई मार्ग पर सीप्लेन सेवा शुरू करने के साथ ही विमानन से जुड़े अन्य मुद्दों पर प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की है। उन्होंने 27 जुलाई को नागर विमानन मंत्रालय के स्तर से की जाने वाली कार्यवाहियां जल्द पूरी करने के संबंध में पत्र सौंपा। केंद्रीय मंत्री से कहा कि बीते 27 जुलाई को नागर विमानन मंत्रालय को राज्य सरकार द्वारा भेजे गए वाराणसी-गोरखपुर-वाराणसी रूट पर सीप्लेन सेवा करने के प्रस्ताव पर जल्द अग्रेतर कार्यवाही की जाए।
सीप्लेन बनने से मिलेंगे फायदे

सीप्लेन को उड़ान भरने के लिए ज्यादा लंबे रनवे की जरूरत नहीं होती। 300 मीटर लंबे जलाशय से भी उड़ान और लैंडिंग की जा सकती है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह पानी और जमीन दोनो जगह से उड़ान भर सकता है। केंद्र सरकार ने देश में 100 सीप्लेन सेवा की योजना बनाई है। जिसके तहत देश की करीब 111 नदियों का इस्तेमाल हवाई पट्टी के रूप में किया जा सकता है। वाराणसी-गोरखपुर सीप्लेन के साथ ही मुरादाबाद, अलीगढ़, आजमगढ़ और श्रावस्ती एयरपोर्ट को लाइसेंस दिए जाने की भी योजना बनाई गई है। इन चारों एयरपोर्टों का 99 फीसदी कार्य पूरा किया जा चुका है। लाइसेंस मिल जाने पर विमान सेवाएं जल्द से जल्द शुरू की जा सकेंगी। इसके अलावा बरेली एयरपोर्ट में एक अतिरिक्त एप्रेन बनाने को कहा ताकि दो विमान एक साथ एप्रेन पर खड़े हो सकें।
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