सीप्लेन बनने से मिलेंगे फायदे सीप्लेन को उड़ान भरने के लिए ज्यादा लंबे रनवे की जरूरत नहीं होती। 300 मीटर लंबे जलाशय से भी उड़ान और लैंडिंग की जा सकती है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह पानी और जमीन दोनो जगह से उड़ान भर सकता है। केंद्र सरकार ने देश में 100 सीप्लेन सेवा की योजना बनाई है। जिसके तहत देश की करीब 111 नदियों का इस्तेमाल हवाई पट्टी के रूप में किया जा सकता है। वाराणसी-गोरखपुर सीप्लेन के साथ ही मुरादाबाद, अलीगढ़, आजमगढ़ और श्रावस्ती एयरपोर्ट को लाइसेंस दिए जाने की भी योजना बनाई गई है। इन चारों एयरपोर्टों का 99 फीसदी कार्य पूरा किया जा चुका है। लाइसेंस मिल जाने पर विमान सेवाएं जल्द से जल्द शुरू की जा सकेंगी। इसके अलावा बरेली एयरपोर्ट में एक अतिरिक्त एप्रेन बनाने को कहा ताकि दो विमान एक साथ एप्रेन पर खड़े हो सकें।