61 साल के एसीएमओ जंग बहादुर मऊ के रहने वाले थे। वह इन दिनों बनारस के महामनापुरी कालोनी में रह रहे थे। वह कोरोना का इलाज कर रहे अस्पतालों की व्यवस्था की जिम्मदारी और देखरेख की ड्यूटी में लगाए गए थे। उनकी देखरेख में अस्पतालों की व्यवस्था बेहतर हो रही थी और निजी अस्पताल व क्वारंटीन सेंटर बनाए गए होटलों का काम भी बढ़िया रहा।
तीन-चार दिन पहले उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें महमूरगंज के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां से उन्हें बीएचयू शिफ्ट किया गया। पहले कोरोना टेस्ट में उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। हालांकि जब दोबारा टेस्ट किया गया तो वह मंगलवार को पाजिटिव पाए गए। उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने के बाद बीएचयू के आईसीयू में शिफ्ट किया गया। इलाज के दौरान देर रात उनका निधन हो गया।
बुधवार की सुबह जिलाधिकारी ने एसीएमओ की मौत की पुष्टि की। उनका अंतिम संस्कार वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट पर किया जाएगा। जिलाधिकारीी कौशल राज शर्मा ने एसीएमओ के निधन पर दुख जताते हुए इसे वाराणसी जिला प्रशासन के लिये अपूर्णीय क्षति बताया है। उधर बुधवार की सुबह 60 लोग और कोरोना पाजिटिव पाए गए। इसके बाद जिले में कोरोना संक्रमितों की तादाद बढ़कर 4936 हो चुकी है, जबकि मौतों का आंकड़ा भी 89 हो चुका है। जिले में फिलहाल 1656 एक्टिव केस हैं, जबकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक होम आइसोलेशन व अस्प्तालों से अब तक 3191 लोग ठीक हो चुके हैं।
अब तक छह कोरोना योद्घा की मौत
वाराणसी जिले में एसीएमओ जंगबहादुर समेत अब तक छह कोरोना योद्घा कोरोना संक्रमण के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके पहले तीन पुलिसकर्मियों की संक्रमण के चलते जान गई तो स्वास्थ्य विभाग के दो कर्मियों ने भी कोविड के चलते अपनी जान गंवाई। हालांकि प्रशासन का दावा है कि कोरोना योद्घाओं के बचाव के लिये पूरी व्यवस्था की गयी है।