scriptनाटी इमली का भरत मिलाप देख कर लोगों की आंखे हुई नम | World famous Nati Imli Bharat Milap in 2019 | Patrika News

नाटी इमली का भरत मिलाप देख कर लोगों की आंखे हुई नम

locationवाराणसीPublished: Oct 09, 2019 06:45:49 pm

Submitted by:

Devesh Singh

गोधूलि बेला में चारो भाईयों के गले लगते ही जय श्रीराम के नारे से गूंजमयान हुआ क्षेत्र, ४७६ साल पुरानी लीला को देखने के लिए उमड़ा जनसैलाब

Nati Imli Bharat Milap

Nati Imli Bharat Milap

वाराणसी. नाटी इमली का विश्व प्रसिद्ध भरत मिलाप देख कर लोगों की आंखे नम हो गयी। बुधवार को नाटी इमली के मैदान में चारो भाईयों के गले मिलते ही पूरा इलाका जय श्रीराम के नारे से गंूजमान हो गया। 476 साल पुरानी इस लीला को देखने के लिए लोगों ऐसा जनसैलाब उमड़ा की आस-पास के घरों में पैर रखने तक की जगह नहीं थी। भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के सख्त बंदोबस्त किये थे।
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श्रीचित्रकूट रामलीला समिति के बैनर तले 476 साल भी भरत मिलाप का ऐतिहासिक व पारंपरिक ढंग से आयोजन किया गया। आश्विन शुक्ल की एकादशी तिथि को ही भरत मिलाप का आयोजन होता है। प्रभु श्रीराम 14 साल का वनवास पूरा करने के बाद रावण का वध करके सीता व लक्ष्मण के साथ पुष्पक विमान से नाटी इमली के मैदान पर आते हैं। प्रभु श्रीराम जैसे ही लीला स्थल पर पहुंचते ही यादव समाज के लोगों ने डमरू बजा कर भगवान का स्वागत किया। इसके प्रभु हनुमान भरत व शत्रुघन को प्रभु श्रीराम के आने की सूचना देते हैं। इसके बाद भाई से मिलने के लिए भरत व शत्रुघन नंगे पैर ही लीला स्थल की और दौड़ पड़ते हैं। इसी बीच कुंवर अनंत नारायण अपनी राजकीय सवारी के साथ लीला स्थल पर पहुंच जाते हैं। कुंवर के आते ही जनता उनका हर-हर महादेव के उद्घोष करके अपने राजा का स्वागत करती है। प्राचीन परंपरा कर निर्वाह करते हुए काशीराज अनंद नारायण सिंह प्रभु श्रीराम के साथ उनके दरबार का दर्शन करते हैं और फिर गिन्नी देते हैं। इसी बीच भरत व शत्रुघन भी वहां पर पहुंच जाते हैं। भरत व शत्रुघन के आते ही प्रभु श्रीराम व लक्ष्मण दोनों भाईयों को गले लगा लेते हैं। भाईयों के इस मिलाप को देख कर लोगों की आंखे भर जाती है। कुछ ही क्षण के लिए यह भरत मिलाप होता है। जिन लोगों ने लीला स्थल से ध्यान हटा दिया था वह भरत मिलाप नहीं देख पाये। भरत मिलाप हो जाने के बाद प्रभु श्रीराम, भरत, लक्ष्मण व शत्रुघन माता सीता व राम सेना को यदुवंशी परम्परागत तरीके से कंधे पर उठा कर लीला स्थल पर घुमते हुए वहां से प्रस्थान कर जाते हैं। नाटी इमली की विश्व प्रसिद्ध भरत मिलाप कुछ ही देर का होता है लेकिन इसको देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
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