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अजमेर

Acharya Vidhyasagar: पंजाब और राजस्थान के बैंड-बाजे संग निकाली त्रिवेणी संगम गौरव यात्रा

महिलाएं बच्चे व आचार्य के प्रतीक चिन्ह लेकर साथ चले। कीर्ति स्तम्भ पर ही दोनों शाखाओं का नेतृत्व संतों की अगुवाई में हुआ।

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अजमेर. आचार्य विद्यासागर की प्रथम स्मृति दिवस पर सकल जैन समाज ने गुरुवार को त्रिवेणी संगम गौरव यात्रा निकाली। गाजे-बाजे संग यात्रा शहर के सभी इलाकों से होकर निकाली गई। कार्यक्रम में आचार्य विद्यासागर के जीवन वृत्त को एक नाटिका के माध्यम से दर्शित किया गया।

त्रिवेणी संगम गौरव यात्रा

आचार्य विद्यासागर के प्रथम समाधि दिवस पर गुरुवार को गौरव यात्रा रवाना हुई। श्रद्दालुओं का एक शाखा पद विहार करते हुए , केसरगंज जैन मंदिर से एवं अन्य शाखा पद विहार करते हुए, वैशाली नगर जैन मंदिर से नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुई, आचार्य श्री की दीक्षा स्थली, कीर्ति स्तम्भ (महावीर सर्कल) पर पहुंची।

दोनों शाखाओं का मिलन

यहां से सभी एक साथ मेरवाड़ा एस्टेट कोठी के लिए रवाना हुए। त्रिवेणी संगम को लेकर युवाओं ने विशेष व्यवस्था की। महिलाएं बच्चे व आचार्य के प्रतीक चिन्ह लेकर साथ चले। कीर्ति स्तम्भ पर ही दोनों शाखाओं का नेतृत्व संतों की अगुवाई में हुआ।यात्रा के अंतिम हिस्से में स्वर्णमयी रथ आचार्य श्री के प्रतीक चिन्ह लेकर साथ चले।

अजमेर में ली थी दीक्षा, पावन है दीक्षास्थल

आचार्य विद्यासागर का अजमेर से गहरा संबंध रहा है। उन्होंने 55 साल पहले अजमेर में आचार्य ज्ञानसागर महाराज से मुनि दीक्षा प्राप्त की थी। यह जैन समाज के लिए प्रमुख तीर्थस्थल है। दीक्षास्थल पर हजारों श्रद्धालु प्रतिवर्ष दर्शन के लिए आते हैं।