पुष्कर. कस्बे में स्वीप कार्यक्रम के तहत मतदान जागरूकता को लेकर मुख्य बाजार से निकाली गई स्कूली छात्रों की रैली में मोदी को वोट देने के नारे लगाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि रैली में साथ चल रहे शिक्षकों एवं अधिकारियों ने उन्हें रोकने तक का कोई प्रयास नहीं किया। इसकी सूचना मिलने पर ब्लॉक कांगे्रस अध्यक्ष मंजू कुर्डिया के नेतृत्व में कांगे्रसियों ने सहायक निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन देकर इसे आचार संहिता उल्लंघन बताया तथा दोषियों को तुरंत निलम्बित करने की मांग की। लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की मंशा को लेकर चलाए जा रहे कार्यक्रम के तहत कस्बे के सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने मेला मैदान से मुख्य बाजार होते हुए रैली निकाली।
सहायक निर्वाचन अधिकारी देविका तोमर ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। इस दौरान शिक्षकों की मौजूदगी में स्कूली बालकों ने ‘चुनाव आयोग का कहना है वोट मोदी को देना है’ के नारे लगाए। सरकारी कार्यक्रम में चुनाव के दौरान मोदी के समर्थन में नारे लगाए जाने पर बवाल मच गया। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मंजू कुर्डिया के नेतृत्व में जगदीश कुर्डिया, टीकम शर्मा, सुरेश शर्मा, बाबूलाल दग्दी ने सहायक निर्वाचन अधिकारी तोमर से मिलकर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाया।
उन्होंने सरकारी निर्देशन में आयोजित स्वीप कार्यक्रम में मोदी के समर्थन में नारे लगाने को आचार संहिता उल्लंघन बताते हुए दोषियों को तुरन्त प्रभाव से निलम्बित करने की मांग की। तोमर को नारे लगाते हुए स्कूली बालकों के वीडियो भी दिखाए गए। पत्रकारों से बातचीत में ब्लॉक अध्यक्ष कुर्डिया ने बताया कि इसकी रिपोर्ट प्रदेश कार्यालय भेजी गई है।
प्रशासन की ओर से स्वीप कार्यक्रम के तहत निकली गई प्रभातफेरी रैली में स्कूली बालकों ने मोदी को जिताने के नारे लगाए तो यह आचार संहिता का उल्लंघन है। इसमें दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।- मंजू कुर्डिया, ब्लॉक कांगे्रस अध्यक्ष पुष्करसरकार के स्वीप कार्यक्रम के तहत स्कूली छात्र-छात्राओं की प्रभातफेरी को मैंने ही हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
कांगे्रसजन ने रैली में स्कूली बालकों की ओर से मोदी के समर्थन में नारे लगाने तथा आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत दी है। मामले की जांच करवाई जा रही है। – देविका तोमर, सहायक निर्वाचन अधिकारी पुष्करमामले की रिपोर्ट मांगी गई है। रिव्यू कर एक्शन लिया जाएगा। स्वीप के नारे ही लगाए जा सकते हैं। शरारती बच्चों को रोकना चाहिए था, प्रभारी अधिकारी को देखना चाहिए था।
– विश्व मोहन शर्मा, जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला कलक्टर अजमेर