अजमेर (अरांई). हरियाणा-पंजाब के किसानों के समर्थन एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी के कानून के लिए किसान महापंचायत की ओर से भी प्रदर्शन किया गया। महापंचायत के बैनर तले जिलेभर के किसान ट्रेक्टरों के साथ अरांई तहसील पहुंचे। बाद में 11 सदस्यीय शिष्टमंडल अजमेर पहुंचा और जिला कलक्टर भारती दीक्षित से वार्ता हुई। जहां ट्रेक्टर रैली को स्थगित करने का निर्णय किया।
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने बताया कि न्यूनतन समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून राज्य सरकार भी बना सकती है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून देश के सभी किसानों की आवाज है। जनता की आवाज को दबाना तानाशाही का प्रतीक है। जिन किसानों ने केंद्र में सरकार बनाई थी उन्हीं किसानों पर पुलिस राज थोपना लोकतंत्र विरोधी एवं जन भावनाओं को कुचलने वाला कृत्य है।
अजमेर कलक्ट्रेट कूच की घोषणा, प्रशासन की समझाइश
किसानों की ओर से ट्रेक्टर रैली के रूप में अजमेर कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन की घोषणा एवं चेतावनी के बाद अरांई तहसीलदार ने उपखंड अधिकारी एवं जिला कलक्टर से ही बात का आश्वासन दिया। इस पर किसान नेता व किसान अरांई में डटे रहे।
एमओयू को सार्वजनिक नहीं करने का आरोप
किसानों में पूर्वी राजस्थान नहर के संबंध में मध्यप्रदेश एवं राजस्थान के मध्य हुए एमओयू. को सार्वजनिक नहीं करने एवं फ़सल खराबा होने पर भी किसानों को क्षतिपूर्ति नहीं होने से रोष व्याप्त है। राजस्थान की जनता को आशंका है कि इस एमओयू के कारण राजस्थान को प्राप्त होने वाले पानी की मात्रा आधी रह जाएगी, जिससे सिंचाई असंभव हो जाएगी वहीं 13 जिलों की जनता को पीने का पानी भी पर्याप्त उपलब्ध नहीं हो सकेगा । महापंचायत की ओर से ‘खेत को पानी-फसल को दाम’ आन्दोलन चलाया हुआ है।