अजमेर. मोहर्रम पर रविवार को मुस्लिम समुदाय के लोग हजरत इमाम हुसैन की याद में गमजदा हो गए। तारागढ़ पर शिया समुदाय ने खुद को रक्त रंजित कर खिराज-ए-अकीदत पेश की। ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के अंदरकोट इलाके में तलवारों से बड़ाहाईदौस खेला गया। बाद में गमजदा माहौल में ताजिया शरीफ को झालरे और जलाशयों में सैराब किया गया। अधिकांश मुस्लिम घरों में चूल्हे नहीं जले।
दिखा कर्बला का मंजर
अंदरकोट स्थित हताई पर मोहर्रम की दस तारीख को कर्बला सा मंजर देखने को मिला। दोपहर 2.30 बजे हजरत इमाम हुसैन और कर्बला के 72 शहीदों की याद में दी पंचायत अंदर कोटियान की ओर से हताई चौक में मुस्लिम समुदाय के युवकों, बुजुर्गों ने बड़ाहाईदौस खेला। हरे लिबास पहने युवकों, बुजुर्गों और बच्चों ने चमचमाती तलवारों से हाईदौस में हिस्सा लिया।