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अजमेर

देखें Video…चिकित्सकों की हड़ताल से मरीज बेहाल, सुनवाई नहीं-ना सार संभाल

मेडिकल कॉलेज टीचर्स ने किया कार्य बहिष्कार

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अजमेर. राइट टू हैल्थ बिल के विरोध में जारी प्राइवेट डॉक्टर्स की हड़ताल से चिकित्सा व्यवस्था चरमरा रही है। सोमवार को प्राइवेट डॉक्टर्स के समर्थन में मेडिकल कॉलेज टीचर्स ने दो घंटे कार्य बहिष्कार किया। जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में मरीजों की जबरदस्त भीड़ रही। विभिन्न विभागों में दो से तीन घंटे तक लोग डॉक्टर्स का इंतजार करते नजर आए। कोई सुनवाई करने वाला नहीं था।

राइट टू हैल्थ बिल के खिलाफ अजमेर शहर सहित जिले के 250 अस्पतालों, डायग्नोस्टिक सेंटर्स में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह ठप पड़ी हैं। निजी चिकित्सकों का कार्य बहिष्कार जारी है। सोमवार को जिलेभर में इसका असर रहा।

खाली पड़े थे डॉक्टर्स रूम

मेडिकल कॉलेज के टीचर्स ने सोमवार प्रात: 9 से 11 बजे तक कार्य बहिष्कार किया। पत्रिका टीम शिशु रोग, जनरल फिजिशयन, सर्जरी, ऑर्थोपेडिक सहित विभिन्न विभागों में पहुंचीं, जहां चिकित्सकों के कक्ष खाली नजर आए। विभागों के बाहर सुबह 8 बजे से लोग पर्चियां लेकर कतारों में लगना शुरू हो गए थे। गंभीर रूप से बीमार बच्चे, बुजुर्ग ज्यादा परेशान हुए। उन्हें रिश्तेदार किसी तरह संभालते रहे।

जांच सेंटरों पर ताले

पत्रिका टीम ने दौरा किया तो शहर भर के प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर पर ताले लगे मिले। खून, थूक, स्टूल टेस्ट, थायराइड, शुगर, एक्सरे और एमआरआई के लिए मरीज भटकते दिखाई दिए।

गर्भवती महिलाओं को लेकर दौड़धूप

आदर्श नगर, माखुपुरा, ब्यावर रोड, सुभाष नगर, दौराई तबीजी, कोटड़ा सहित अन्य दूरस्थ इलाकों की गर्भवती महिलाओं के रिश्तेदारों को नियमित जांच अथवा डिलीवरी के लिए जनाना अस्पताल तक भागना पड़ रहा है। इन इलाकों में प्राइवेट अस्पतालों पर तालाबंदी के चलते विकट हालात हैं। जनाना अस्पतालों में 200 से 300 केस बढ़ गए हैं।

घरों के क्लिनिक पर भी सन्नाटा

प्राइवेट डॉक्टर्स के घरों पर भी क्लिनिक बंद हैं। फोन पर मिलने वालों को दवाओं और जांच का सुझाव दे रहे हैं। लेकिन जांच करने वाले सेंटर बंद होने से लोगों को नेहरू अस्पताल, सेटेलाइट अस्पताल ही जाना पड़ रहा है।

यह है स्थिति

15 हजार से ज्यादा का ओपीडी प्रभावित

5 से 8 हजार तक पहुंचा नेहरू अस्पताल का ओपीडी

1100 से ज्यादा सर्जरी प्रभावित

1700 से ज्यादा आईपीडी प्रभावित

10 सीटी स्कैन सेंटर बंद

30 से ज्यादा एमआरआई सेंटर बंद

कोई सुनने वाला नहीं…

मैं दो घंटे से बच्चे को लेकर अस्पताल में हूं। कोई सुनने वाला नहीं है। गांव में भी प्राइवेट डॉक्टर नहीं देख रहे। यहां आकर मुझे हड़ताल की जानकारी मिली है।

संपत, अर्जुनपुरा जागीर

बच्चा बुखार-खांसी और पेट दर्द से पीडि़त है। अस्पताल में डॉक्टर्स के कार्य बहिष्कार से लोग परेशान हैं। ना प्राइवेट ना सरकारी डॉक्टर्स देख रहे हैं।

कपिल, अजमेर

पेट दर्द से परेशान हूं। सुबह 8 बजे ही अस्पताल पहुंच गया, पर डॉक्टर की हड़ताल है। बहुत दिक्कत हो रही है । किसको सुनाएं कोई देखने वाला नहीं है।

कानाराम, डेगाना

बच्चे की आंख में चोट लगी है। प्राइवेट अस्पताल गया तो किसी ने अटेंड नहीं किया। सुबह 6 बजे जेएलएन पहुंचा हूं तो डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं। बहुत परेशान हैं, कहां जाएं और किसको कहें।

विजयपाल, रतनगढ़

साढ़े आठ बजे से अस्पताल में बैठा हूं, कोई डॉक्टर नहीं है। प्राइवेट अस्पताल तो वैसे ही बंद हैं। डॉक्टर को जनता के बारे में सोचना चाहिए।

प्रभुलाल, नौलखा