अजमेर. लेन-देन के विवाद में 15 दिन पहले नरवर गांव में पेट्रोल छिड़ककर आग के हवाले किए गए युवक की मौत का मामला शुक्रवार को भी तूल पकड़े रहा। जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में धरना स्थल पर टैंट लगाने को लेकर परिजन, विभिन्न संगठनों और पुलिस के बीच तनातनी चली। एसपी की ओर से आरोपितों की जल्द गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया।
नरवर निवासी राेहित कंवरिया की मृत्यु के मामले में शुक्रवार को नेहरू अस्पताल परिसर में धरना-प्रदर्शन हुआ। रैगर समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीएल नवल व अन्य पदाधिकारियों ने नारेबाजी। प्रदर्शनकारियों ने टेंट लगाने की बात कही तो कोतवाली थाना प्रभारी दिलीप जीवनानी ने अस्पताल में आपातकालीन मामलों का हवाला देते हुए अधीक्षक से मंजूरी लाने को कहा। इस पर प्रदर्शनकारी भड़क गए। उनकी पुलिस अफसरों से बहस हो गई। इस दौरान उपखंड अधिकारी महावीर शर्मा, तहसीलदार प्रीति चौहान, पुष्कर थानाप्रभारी डॉ. रविश सामरिया, कमल बाकोलिया सहित अन्य मौजूद रहे।
एसपी के पास पहुंचे प्रदर्शनकारी
सीओ ग्रामीण मोहम्मद इस्लाम मौके पर पहुंचे। वे ग्रामीणों और प्रदर्शनकारियों को समझाकर एसपी चूनाराम जाट के पास ले गए। एसपी ने मृतक राेहित के मामले की उच्च स्तरीय जांच और आरोपितों की जल्द गिरफ्तारी की बात कही। इसके बाद प्रदर्शनकारी पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए।
नौकरी और 50 लाख रुपए की मांग
राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य प्रताप सिंह यादव ने मुख्य आरोपित रास बिहारी पाराशर और अन्य की गिरफ्तारी और मृतक के परिजन को 50 लाख रुपए की मदद और सरकारी नौकरी की मांग की। उन्होंने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखकर 15 दिन से लापरवाही करने वाले पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध भी मुकदमा दर्ज करने और सजा दिलाने की मांग की।