सागर में सुबह भ्रमण करने गए एक व्यक्ति ने बघेरा मृत पड़े रहने की सूचना वन नाका को दी। जहां से वन नाकापाल सुशीला देवी वनरक्षकों के साथ घटनास्थल पर पहुंची। वनपाल ने घटना सूचना रेंजर सीताराम को दी। सूचना पर पहुंचे वन कर्मियों ने मृत बघेरे का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करा कर बघेरे का दाह संस्कार किया गया। बघेरे का मृत होने के पीछे अलग-अलग कारण सामने आ रहे हैं। वनकर्मियों के अनुसार मृत शावक हो सकता है किसी जानवर से संघर्ष होने के चलते मौत हुई हो। वही पशु चिकित्सकों का मत है कि इन दिनों जानवरों में फैल रहे पायरो वायरस बीमारी से बघेरे का मृत होना सामने रहा है। लेकिन मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही मृत्यु का सही कारण सामने आएगा।
सागर की पहाडिय़ा जंगली जानवरों की बनी शरण स्थली : सागर में स्थिति इन पहाडिय़ो में बघेरे जरख गादड़े आदि जंगली जानवरों की मौजूदगी भरपूर बताई जा रही है। इन पहाडिय़ों में अपने पशुओं एवं बकरियों को चराने के लिए जाने वाले ग्वालों का कहना है कि इन पहाडिय़ों में मौजूद जंगली जानवरों ने अनेकों बार आवारा पशुओं के बकरियों को अपना शिकार बनाया है। वहीं कई ग्वालों ने जंगली जानवरों की आंखों देखी तस्वीर भी बया की है।