अलवर- भिवाड़ी मेगा हाइवे पर वनवीरपुर गांव के समीप स्थित इंक निर्माण करने वाली इकाई सिजवर्क में बुधवार सुबह नौ बजे भीषण आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। इस दौरान दस किलोमीटर दूर से भी यहां से निकलता हुआ धुंआ दिखाई दे रहा था। करीब तीस दमकल वाहनों से पानी डालकर पांच घंटे में आग पर कुछ काबू पाया जा सका। हादसे के दौरान फैक्ट्री में कार्यरत सभी श्रमिक आदि बाहर निकल आए थे, जिससे बड़ा हादसा होते टल गया। मौके पर पुलिस व प्रशासन के लोग पहुंच गए। शाम तक यहां आग पूरी तरह बुझ पाई।
फैक्ट्री में सुबह इंक बनाने वाले केमिकल में अज्ञात कारणों से आग लग गई। आगने के दौरान वहां मौजूद कर्मचारी बाहर निकल आए। केमिकल के ड्रम तेज धमाकों के साथ फटकर गिरते रहे और आग फैलती गई। फैक्ट्री परिसर में केमिकल जहां तक फैला वहां तक आग पहुंचती गई। दमकल वाहनों से आग को बुझाने का प्रयास जारी रहा। चार-पांच घंटे की मशक्कत के बाद आग पर नियंत्रित होना शुरू हुई। शाम तक दमकल वाहन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पानी झिड$कते रहे। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई।
बढ़ती गई दमकल वाहनों की संख्या : फैक्ट्री में साढ़े नौ बजे आग लगी। भिवाड़ी, खुशखेड़ा, चौपानकी, नगर परिषद के दमकल वाहन मौके पर पहुंचे। आग की विकराल स्थिति देखकर घिलोठ, नीमराना, बहरोड़, तिजारा, खैरथल, अलवर, तावडू, धारूहेड़ा, बावल, रेवाड़ी, होंडा टपूकड़ा से 30 दमकल वाहन को आग पर काबू पाने के लिए बुलाया गया। प्रत्येक दमकल वाहन ने सात से आठ फेरे किए। शाम तक आग को काबू करने के प्रयास चलते रहे। आवासीय सोसायटी के हाइड्रेंट पोइंट, खेतों में कृषि बोङ्क्षरग एवं होंडा कंपनी के अंदर से पानी लाया गया।
सैकड़ों की
संख्या में हादसे
क्षेत्र में प्रति वर्ष सैकड़ों इकाइयों में आग लगती है। आग लगने से करोड़ों रुपए का नुकसान होता है। आग की घटनाएं गर्मी आते ही बढऩे लगती हैं। किसी भी तरह की ङ्क्षचगारी केमिकल एवं अन्य कच्चे माल को जलाकर खाक कर देती हैं। गर्मी की वजह से आग जल्दी पकड़ती है। बीते कुछ साल से देखने में आया है कि आग की घटनाएं सर्दी में भी बढऩे लगी हैं।
इनका कहना है
&आग लगने के समय फैक्ट्री में 300 कर्मचारी कार्यरत थे। जो कि सभी सुरक्षित हैं। फैक्ट्री प्रशासन ने सभी की गिनती कर ली थी। आग से किसी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई है। आग के कारणों का पता नहीं चल सका है।
– अश्विनी के पंवार, एडीएम भिवाड़ी