🌟(आज का पंचांग – गुरुवार, 25 दिसम्बर, 2025)🌟
विक्रम संवत् – 2082
संवत्सर नाम – सिद्धार्थ
शक संवत् – 1947
हिजरी सन् – 1447
मु. मास – 4 रज्जब
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शिशिर ऋतु
मास – पौष
पक्ष – शुक्ल
श्रेष्ठ चौघड़िये – आज शुभ का चौघड़िया सूर्योदय से 8:35 तक रहेगा। चर, लाभ, अमृत के चौघड़िये क्रमशः 11:09 से 3:01 तक रहेंगे। शुभ का चौघड़िया 4:19 से सूर्यास्त तक रहेगा। इन चौघड़ियों में शुभ कार्य प्रारम्भ किए जा सकते हैं।
तिथि – पंचमी तिथि दिन 1:43 तक रहेगी तदुपरान्त षष्ठी तिथि होगी।
दिशा शूल – आज दक्षिण दिशा में दिशा शूल रहेगा। इसलिए दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए।
राहु काल वेला – (मध्यमान से) दिन 1:30 से 3:00 तक रहेगा।
नक्षत्र – धनिष्ठा नक्षत्र दिन 8:18 तक रहेगा तदुपरान्त शतभिषा नक्षत्र होगा।
योग – वज्र योग दिन 3:13 तक रहेगा तदुपरान्त सिद्धि योग रहेगा।
करण – बालव करण दिन 1:43 तक रहेगा तदुपरान्त कौलव करण रहेगा।
विशिष्ट योग – रवियोग प्रातः 8:18 से प्रारम्भ
व्रत / दिवस विशेष – किसमस दिवस (ईसा जयंती), बड़ा दिन, पंचक, महामना मदनमोहन मालवीय व अटल बिहारी वाजपेयी जयंती, सुशासन दिवस,
चन्द्रमा – आज सम्पूर्ण दिन रात्रि कुम्भ राशि में होगा।
ग्रह का राशि /नक्षत्र परिवर्तन – मंगल का पूर्वाषाढा नक्षत्र में प्रवेश दिन 12:15 पर,
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्म लेने वाले बच्चों की राशि कुम्भ होगी। आज दिन 8:18 तक जन्म लेने वाले बच्चों का धनिष्ठा नक्षत्र होगा तदुपरान्त शतभिषा नक्षत्र होगा। आज जन्मे बच्चों का ताम्र पाद होगा। आज जन्म लेने वाले बच्चों के प्रथम नामाक्षर गे, गो, सा, सी, सू पर रखे जा सकते हैं।
कुम्भ का स्वामी भी शानि हैं। इनका स्वभाव दयावान, निस्वार्थ, स्वतंत्रताप्रिय, कल्पना शील और देश-विदेश घूमने के शौकीन होते हैं। ये लोग सेल्समेन, वकील व जज होते हैं। ये जातक उच्चाधिकारी, उच्चपदासीन, क्रय-विक्रय, प्रोफेसर, जज-वकील, उच्चपदवी या धनी व्यापारी होते हैं। ये जातक बुद्धिमान, साधन-सम्पन्न, तीव्र स्मरण-शक्ति एवं गंभीर प्रकृति वाले होते हैं।
ये जातक दुसरो के प्रति दयाभाव रखने वाला, परोपकारी एवं निस्वार्थ भाव से सेवा करने में तत्प्रर होते हैं। ये जातक स्वाभिमानी, स्वतंत्रताप्रिय एवं नए-नए मित्र बनाने में भी पीछे नहीं हटते। जातक उद्योगी, उधमी, परिश्रमी और इनमें प्रबन्धात्मक योग्यता विशेष होती हैं
✍️ पं. मुकेश भारद्वाज
📍 ज्योतिर्विद् एवं वास्तुविद्