🌟(आज का पंचांग – शनिवार, 27 दिसम्बर, 2025)🌟
विक्रम संवत् – 2082
संवत्सर नाम – सिद्धार्थ
शक संवत् – 1947
हिजरी सन् – 1447
मु. मास – 6 रज्जब
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शिशिर ऋतु
मास – पौष
पक्ष – शुक्ल
श्रेष्ठ चौघड़िये – आज शुभ का चौघड़िया 8:36 से 9:53 तक रहेगा। चर, लाभ, अमृत के चौघड़िये क्रमशः 12:28 से 4:20 तक रहेंगे। इन चौघड़ियों में शुभ कार्य प्रारम्भ किए जा सकते हैं।
तिथि – सप्तमी तिथि दिन 1:10 तक रहेगी तदुपरान्त अष्ठमी तिथि होगी।
दिशा शूल – आज पूर्व दिशा में दिशा शूल रहेगा। इसलिए आज पूर्व दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए।
राहु काल वेला – (मध्यमान से) दिन 9:00 से 10:30 तक
नक्षत्र – पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र दिन 9:10 तक रहेगा तदुपरान्त उत्तराभाद्रपद नक्षत्र होगा।
योग – व्यतिपात योग दिन 12:21 तक रहेगा तदुपरान्त वरियान योग रहेगा।
करण – वणिज करण दिन 1:10 तक रहेगा तदुपरान्त विष्टि करण रहेगा।
विशिष्ट योग – त्रिपुष्कर योग सूर्योदय से दिन 9:10 तक,
व्रत / दिवस विशेष – भदा दिन 1:10 से रात्रि 12:35 तक, गुरु गोविन्द सिंह जयंती,
पंचक, व्यतिपात पुण्यं, मुनि राजेन्द्र सुरिश्वर जन्म त्रिस्तुतिक (जैन), मेला जोड़ द्सरा दिन (पंजाब) में
चन्द्रमा – आज सम्पूर्ण दिन रात्रि मीन राशि में होगा।
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्म लेने वाले बच्चों की राशि मीन होगी। आज दिन 9:10 तक जन्म लेने वाले बच्चों का पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र होगा तदुपरान्त उत्तराभाद्रपद नक्षत्र होगा। आज जन्मे बच्चों का लौह पाद होगा। आज जन्म लेने वाले बच्चों के प्रथम नामाक्षर दि, दू, थ, झ, ञ पर रखे जा सकते हैं। मीन राशि के स्वामी गुरु हैं इस राशि के बच्चे सौम्य, गंभीर स्वभाव वाले, बुद्धिमान, स्वाभिमानी चंचल होते हैं।
अपनी मान-मर्यादा एवं प्रतिष्ठा का विशेष ध्यान भी रखने वाले होते है। समाज सुधारक व अध्यापन सम्बन्धी कार्यो में सफल होते हैं। ये जातक बुद्धिमान, गंभीर एवं सौम्य प्रकृति, परोपकारी कार्य करने में तत्पर सत्यप्रिय, धार्मिक, धर्म-कर्म एवं आध्यात्म, साहित्य एवं गूढ़विधायो की ओर विशेष अभिरुचि रखने वाले होते हैं।
जातक उच्चाभिलाषी, उच्चाकांक्षी एवं स्वाभिमानी प्रकर्ति व अपनी मान-मर्यादा एवं प्रतिष्ठा का विशेष ध्यान भी रखने वाला होगा। जातक सेवाभाव रखने वाले, तीव्र बुद्धि, परिश्रमी, उधमी, दूरदर्शी, व्यवहार कुशल एवं नीति के अनुसार आचरण करने वाला, विश्वसनीय, ईमानदार तथा हर प्रकार से मित्रो एवं सगे-सम्बन्धियों के लिए सहायक होते हैं।
✍️ पं. मुकेश भारद्वाज
📍 ज्योतिर्विद् एवं वास्तुविद्