🌟(आज का पंचांग – मंगलवार, 9 दिसम्बर, 2025)🌟
विक्रम संवत् – 2082
संवत्सर नाम – सिद्धार्थ
शक संवत् – 1947
हिजरी सन् – 1447
मु. मास – 18 जमादि उलसानी
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत ऋतु
मास – पौष
पक्ष – कृष्ण
श्रेष्ठ चौघड़िये – आज चर, लाभ, अमृत के चौघड़िये क्रमशः 9:44 से 1:37 तक रहेंगे। शुभ का चौघड़िया 2:54 से 4:12 तक रहेगा। इन चौघड़ियों में शुभ कार्य प्रारम्भ किए जा सकते हैं।
तिथि – पंचमी तिथि दिन 2:29 तक होगी तदुपरान्त षष्ठी तिथि होगी।
दिशा शूल – आज उत्तर दिशा में दिशा शूल रहेगा। इसलिए आज उत्तर दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए।
राहु काल वेला – (मध्यमान से) दिन 3:00 से 4:30 तक
नक्षत्र – अश्लेषा नक्षत्र रात्रि 2:23 तक होगा तदुपरान्त मघा नक्षत्र होगा।
योग – ऐन्द्र योग दिन 2:33 तक रहेगा तदुपरान्त वैधृति योग रहेगा।
करण – तैतिल करण दिन 2:29 तक रहेगा तदुपरान्त गर करण रहेगा।
विशिष्ट योग – सर्वार्थसिद्धि योग सूर्योदय से रात्रि 2:23 तक, रवियोग व कुमारयोग रात्रि 2:23 से प्रारम्भ
व्रत / दिवस विशेष – डॉ. राजगोपालाचार्य जयंती, गंडमूल संपूर्ण दिनरात्रि,
चन्द्रमा – आज रात्रि 2:23 तक कर्क राशि में होगा तदुपरान्त सिंह राशि में प्रवेश होगा।
ग्रह का राशि /नक्षत्र परिवर्तन – बुध का अनुराधा नक्षत्र में प्रवेश रात्रि 2:23 पर, शुक्र का ज्येष्ठा नक्षत्र में प्रवेश प्रातः 5:29 पर,
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज रात्रि 2:23 तक जन्म लेने वाले बच्चों की राशि कर्क होगी तदुपरान्त सिंह राशि होगी। आज रात्रि 2:23 तक जन्म लेने वाले बच्चों का अश्लेषा नक्षत्र होगा, तदुपरान्त मघा नक्षत्र होगा। आज जन्मे बच्चों का रजत पाद होगा। आज जन्म लेने वाले बच्चों के प्रथम नामाक्षर डी, डू, डे, डो, म पर रखे जा सकते हैं। कर्क राशि के स्वामी चन्द्र हैं. यह जल प्रधान राशि है।
ये बहुत भावुक होते हैं। भावनाओं के आवेग में बहने के करण चंचल प्रकृति के और बार बार निर्णय बदलने वाले हो सकते हैं। सुन्दर व आकर्षक होते है। व्यवहार मिलनसार होता है। कला, संगीत, साहित्य प्रेमी, कल्पनाशील, धार्मिक, दयालु, सहृदय, ईमानदार होते हैं। ऐसे बच्चे सभी के मनोभावों को आसानी से समझने वाले होते हैं। ये प्राकृतिक सौंदर्य, कला-संगीत व् साहित्य में विशेष रूचि रखते हैं तथा सौंदर्यानुभूति भी विशेष रूप से रखते हैं।
सिंह राशि के स्वामी सूर्य है। इस राशि के बच्चे निडर, साहसी, दयालु, ऐश्वर्यशाली, शत्रुहन्ता होते हैं। ये अग्नि तत्व की राशि हैं, जिससे इनको गुस्सा जल्दी आ जाता हैं परंतु नर्म भी जल्दी हो जाते हैं। ये पराक्रमी व बुद्धिमान, उधमी, कर्मठ, निड़र, स्वतंत्र विचारों वाले होते हैं और बड़े काम से घबराते नहीं हैं। इनमें नैसर्गिक नेतृत्त्व क्षमता होती है.
✍️ पंडित मुकेश भारद्वाज, ज्योतिर्विद व वास्तुविद् 🌟