नमस्कार! स्वागत है आपका राजस्थान पत्रिका के आध्यात्मिक मंच पर,
जहाँ हम प्रतिदिन लाते हैं आपके लिए सटीक और प्रामाणिक दैनिक पंचांग।
इस वीडियो में जानिए:
🔹 आज की तिथि, नक्षत्र और योग
🔹 शुभ मुहूर्त: विवाह, गृह प्रवेश, वाहन क्रय आदि के लिए
🔹 राहुकाल, गुलिक काल और अभिजीत मुहूर्त
🔹 सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय और चंद्रराशि
🔹 व्रत, पर्व और विशेष तिथि का महत्व
हमारा पंचांग तैयार किया गया है उज्जैन के सुप्रसिद्ध पंचांगकर्ता ज्यो. पं. चंदन श्यामनारायण व्यास जी द्वारा,
जिनके गहन अनुभव और ज्ञान के आधार पर आप अपने दिन की योजनाएं बना सकते हैं।
(आज का पंचांग – रविवार, 6 जुलाई, 2025)
विक्रम संवत् – 2082
संवत्सर नाम – सिद्धार्थ
शक संवत् – 1947
हिजरी सन् – 1447
मु. मास – 10 मु्हर्रम
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा ऋतु
मास – आषाढ़
पक्ष – शुक्ल
श्रेष्ठ चौघड़िये – आज दिन में चर, लाभ, अमृत के चौघड़िये क्रमशः 7:24 से 12:31 तक रहेंगे। शुभ का चौघड़िया 2:13 से 5:56 तक रहेगा। इन चौघड़ियों में शुभ कार्य प्रारम्भ किए जा सकते हैं।
तिथि – एकादशी तिथि रात्रि 9:16 तक तदुपरान्त द्वादशी तिथि होगी।
दिशा शूल – आज पश्चिम दिशा में दिशा शूल रहेगा। इसलिए आज पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए।
राहु काल वेला – (मध्यमान से) दिन 4:30 से 6:00 तक
नक्षत्र – विशाखा नक्षत्र रात्रि 10:42 तक होगा तदुपरान्त अनुराधा नक्षत्र होगा।
योग – साध्य योग रात्रि 9:27 तक होगा तदुपरान्त शुभ योग रहेगा।
करण – वणिज करण दिन 8:07 तक तदुपरान्त विष्टि करण रहेगा।
विशिष्ट योग – त्रिपुष्कर योग रात्रि 9:16 से रात्रि 10:42 तक, राजयोग रात्रि 10:42 से अगले दिन सूर्योदय तक,
व्रत / दिवस विशेष – भद्रा दिन 8:07 से रात्रि 9:16 तक, देवशयनी एकादशी व्रत (स्वयं सिद्ध अबूझ मुहर्त), चातुर्मास व्रत नियम प्रारंभ, पण्ढरपुर यात्रा, रविनारायण एकादशी (उड़ीसा), ताजिया (मुहर्रम) मु., महापात योग दिन 9:00 से दिन 3:41 तक,
चन्द्रमा – आज दिन 4:01 तक तुला राशि में होगा तदुपरान्त वृश्चिक राशि में प्रवेश होगा।
ग्रह का राशि /नक्षत्र परिवर्तन – सूर्य पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश प्रातः 5:48 पर
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज दिन 4:01 तक जन्म लेने वाले बच्चों की राशि तुला होगी तदुपरान्त वृश्चिक राशि होगी। आज रात्रि 10:42 तक विशाखा नक्षत्र होगा तदुपरान्त अनुराधा नक्षत्र होगा। आज जन्मे बच्चों का ताम्र पाद होगा। आज जन्म लेने वाले बच्चों के प्रथम नामाक्षर तू, ते, तो, न, नी पर रखे जा सकते हैं।
तुला राशि का स्वामी शुक्र होता हैं। यह सौम्य व भावुक होते हैं। इन्हें देश-विदेश घूमने का शौक होता है, किसी के अधीनस्थ रह कर कार्य करना पसंद करते हैं। यह एक स्थान पर टिक कर नहीं रहते। ये सुंदरता पसंद होते हैं और कलात्मक होते हैं। इनका स्वभाव आकर्षक होता हैं। ये न्यायशील, बुद्धिमान, तर्कशील एवं सर्तक रहने वाला होते हैं।
पंडित मुकेश भारद्वाज, ज्योतिर्विद व वास्तुविद्