डमी परीक्षार्थी हरमाड़ा और अन्य चार चौमूं निवासी
चौमूं.
शॉर्टकट से सफलता पाने और जल्दी पैसा कमाने के फेर में नीट-सीयूईटी परीक्षा देने वाले डमी परीक्षार्थी सहित गिरोह के पांच आरोपियों को जयपुर की करणी विहार थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए चार आरोपी चौमूं और एक आरोपी हरमाड़ा थाना इलाका निवासी है। मामले की जांच चौमूं एसीपी अशोक चौहान कर रहे हैं। पांच आरोपियों को घरवाले खेतीबाड़ी कर पढ़ा रहे थे। आरोपियों के पकड़े जाने से परिवार के लोग सदमे में आ गए। परिवार में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा तो क्षेत्र के लोगों में पकड़े जाने वाले युवाओं को लेकर चर्चा का विषय बना रहा। रविवार को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी नई दिल्ली की ओर से नीट यूजी परीक्षा-2025 में डमी परीक्षार्थी के माध्यम से परीक्षा में लाभ दिलाने की सूचना पर पुलिस ने पांचों आरोपियों को पकड़ा। गिरफ्तार आरोपी बांसा कुशलपुरा निवासी सोहनलाल जाट पुत्र लालाराम जाट व चिमनपुरा चौमूं निवासी अजीत बराला पुत्र भींवाराम बराला जयपुर में आयुर्वेदिक संस्थान में पीजी कर रहे है। डमी परीक्षार्थी हरमाड़ा बिछपड़ी निवासी जितेन्द्र शर्मा पुत्र नंदकिशोर शर्मा ने भी वर्ष 2021 में आयुर्वेदिक संस्थान में दाखिला लिया था। यहीं से तीनों के बीच जान-पहचान हुई थी। आरोपी सोहन और अजीत डमी परीक्षार्थी के लिए दस्तावेज तैयार करते थे।(कासं.)
कर्नाटक में कर रहा था एमबीएस
पुलिस के मुताबिक जांच में सामने आया कि डमी बैठने वाला आरोपी जितेन्द्र कुमार शर्मा कर्नाटक में एमबीएस कर रहा है। इसका पहला वर्ष था। पढाई में शुरु से ही वह होनहार था। पिता नंदकिशोर शर्मा खेतीबाड़ी करते है। तीन साल तक पढाई करने के बाद वर्ष 2024 में नीट परीक्षा में सफलता पाई थी। 2021 में जयपुर में आयुर्वेदिक संस्थान में दाखिला लिया था। 10वीं व 12वीं की परीक्षा गांव में पास थी।
27 मई की सीयूईटी नर्सिंग परीक्षा भी देता
आरोपी जितेन्द्र नीट में मंगलम सिटी चौमूं निवासी परीक्षार्थी रोहित गोरा के स्थान पर 4 मई को नीट की परीक्षा देने की तैयारी कर रहा था। इसके बाद 27 मई को सीयूईटी नर्सिंग परीक्षा के लिए सामोद गोविंददेवजी रड़ा निवासी संजय चौधरी के स्थान पर डमी परीक्षार्थी के रुप में परीक्षा देता। रोहित चौमूं के एक निजी संस्थान से कोचिंग कर रहा था। वहीं संजय बीएससी द्वितीय वर्ष की तैयार जोबनेर कॉलेज से कर रहा है। यह भी शुरू ही पढाई में होनहार था। दोनों परीक्षार्थियों के पिता खेतीबाड़ी करते है।
तीन साल तक सीकर में की थी तैयारी
आरोपी सोहनलाल ने जयपुर आयुर्वेदिक संस्थान में वर्ष 2017-18 में जयपुर आर्वेदिक संस्थान में दाखिला लिया था। इससे पहले इसने सीकर में रहकर तीन साल तक नीट की तैयारी की थी, लेकिन सफलता नहीं मिली थी। पिता खेतीबाड़ी कर जयपुर में आयुर्वेदिक संस्थान में पीजी करवा रहा था। 10वीं गांव से और 12वीं में चौमूं परीक्षा उत्तीर्ण की थी। इसके बाद वह सीकर गया था।
चौमूं में रहकर की तैयारी
आरोपी अजीत ने गांव में 10वीं व 12वीं की परीक्षा पास की थी। इसने चौमूं शहर में रहकर दो साल तक नीट की तैयारी की थी, लेकिन वह भी सफल नहीं हो पाया। बाद में वह वर्ष 2017 व 18 में जयपुर आर्वेदिक संस्थान में दाखिला लिया। बडे भाई ने चौमं में दुकान की थी, लेकिन वह कोरोना में चल नहीं पाई तो बंद करनी पड़ गई थी। पिता खेतीबाड़ी कर परिवार चला रहे है।
इनका कहना है—-
आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। पांचों आरोपी रिमांड पर है। इनसे कई प्रकरणों का खुलासा होने की संभावना है। परीक्षा में सफल होने के लिए शॉर्ट कट रास्ता अपना और पैसे कमाने के लालज में फर्जीवाड़ा करना कानूनी जूर्म है। इससे युवाओं को बचना चाहिए।
—–अशोक चौहान, एसीपी चौमूं।