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चौमूं में प्राचीन नहर को कहीं पाटा तो कहीं तोड़ी दीवार
जयपुर में जिला कलक्टर सुनवाई में विधायक ने उठाया मुद्दा, एक पार्षद ने भी दी शिकायत
चौमूं.
शहर में राजकीय उपजिला अस्पताल के सामने से प्राचीन नहर के पास होते हुए बस स्टैण्ड की ओर सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से सडक़ बनाए जाने का काम चल रहा है। पास में बनी नहर के स्वरूप से भी न सिर्फ छेड़छाड़ की जा रही है तो कहीं दीवार भी तोड़ दी है। स्थिति यह है कि नहर को मिट्टी कई जगह से पाट दिया तो कहीं दीवार टूट गई है। लेकिन जिम्मेदारों की नींद नहीं खुल रही है। यदि समय रहते जिम्मेदार एवं शहर के जनप्रतिनिधि नहीं चेते तो चौमूं से नहर का इतिहास हमेशा के लिए मिट जाएगा। इसको लेकर विधायक डॉ शिखा मील बराला ने गुरुवार को जिला कलक्टर की जनसुनवाई में मुद्दा उठाया। वहीं नगर परिषद के एक पार्षद ने भी जिला कलक्टर से शिकायत की है।
जानकारी के अनुसार शहर में राजकीय उपजिला अस्पताल के सामने से पास प्राचीन नहर के पास होते हुए बस स्टैण्ड तक सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से सडक़ बनाने का कार्य हो रहा है। हालांकि अभी जेसीबी से समतल किए जाने का कार्य जारी है। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों की माने तो सडक़ निर्माण करीब 2 करोड़ से होना बताया जा रहा है। सडक़ करीब 800 मीटर लंबी और 10 मीटर चौडी निर्माण होना बताया है। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक नहर के पास होते हुए अस्पताल के सामने से बस स्टैण्ड तक सडक़ बनने से अस्पताल सीधा जुड़ेगा और इससे मरीजों को और एंबुलेंस को सुविधा रहेगी। इधर, काम के दौरान नहर को कहीं मिट्टी से पाट दिया तो कहीं दीवार तोड़ दी। इसको लेकर एक जनप्रतिनिधि ने जिला कलक्टर से शिकायत की है। (कासं.)
मरम्मत की बजाय, पाटा जा रहा
जानकारों का कहना है कि चौमूं व सामोद में बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने-फिरने आते है। सामोद समेत आसपास क्षेत्र में हिन्दी फिल्मों की शूटिंग होती रहती है। यदि सरकार एवं जिम्मेदार विभागों के अधिकारी चाहें तो नहर की मरम्मत करवाकर इसे पर्यटन स्थल का रूप दे सकते है। लेकिन स्थिति यह है कि मरम्मत तो दूर पुरामहत्व के स्मारक को को अनदेखा किया जा रहा है।
कलक्टर से ये की शिकायत
पार्षद महेन्द्र कुमावत ने जिला कलक्टर से नहर को गंदगी एवं मलबे वगैरह से पाटने की शिकायत की है। इसमें बताया है कि पुरानी अनाज मंडी के पास सडक़ बनाने का काम प्रगति पर है। हालांकि यह जनहित में है, लेकिन पास में बनी प्राचीन नहर मलबा वगैरह डालकर इसे पाटा जा है। इसकी शिकायत विभागीय अधिकारी से भी की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। उन्होंने उच्च स्तरीय कमेटी से जांच करवाए जाने की मांग की है।
विधायक: प्राचीन धरोहरों को संवारने की जगह किया जा रहा अनदेखा
जयपुर में जिला कलक्टर कार्यालय में जन सुनवाई के दौरान विधायक डॉ शिखा मील बराला ने भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि चौमूं में नहर के पुराने एक पार्ट को मलबा डालकर पाटा जा रहा है। सड़क बनाना जनहित में है, लेकिन ऐतिहासिक नहर को पाटना सही नहीं है। प्राचीन धरोहरों को संवारने की जगह अनदेखा किया जा रहा है। इस बारे में नगर परिषद और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को भी सूचित किया है। हेरिटेज संपत्ति को इस तरह नुकसान पहुंचाना सही नहीं है। इस पर जिला कलक्टर ने चौमूं एसडीएम को जांच कराने के लिए निर्देशित किया। साथ ही धोबलाई गांव में नदी क्षेत्र में अवैध रुप से निजी स्तर पर सड़क बनाने का मुद्दा भी उठाया।
इनका कहना है….
सडक़ का काम चल रहा है। नहर में मलबा एवं मिट्टी डालने के कोई निर्देश नहीं है। फिर भी ऐसा है तो ठेकेदार को पाबंद कर हटवा दिया जाएगा।
-दीपक तूंदवाल, सहायक अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग चौमूं