बालोद. अक्षय तृतीया पर जिला मुख्यालय सहित जिले के अधिकांश गांवों में छोटे बच्चों ने परंपरा अनुसार गुड्डे-गुडिय़ा यानी पुतरा-पुतरी का विवाह रचाया। बच्चों ने शादी के लिए कार्ड भी छपवाया व ग्रामीणों को आमंत्रण भी दिया। शादी की सभी रस्में निभाई गई। लोगों में उत्साह नजर आया। वहीं मंडप में बच्चे बाल विवाह न करने की भी अपील करते दिखाई दिए। पुतरा-पुतरी के विवाह के दौरान मायन नाचा में बच्चे जमकर थिरके। बच्चों के साथ ग्रामीणों में भी उत्साह देखा गया। देर रात तक बच्चे व ग्रामीण नाचते रहे। इस दौरान साइकिल, कार, मोटर साइकिल से बारात निकाली गई बाजे-गाजे के साथ दूल्हा अपनी दुल्हन को लेने गए। बच्चों ने आतिशबाजी भी की। धरमटीका भी हुआ। ग्रामीणों ने मन इच्छा दान कर शादी का लड्डू खाया।