कमरे में बंद हुए कोरोना के चिकित्सा उपकरण
-मरीज नहीं पहुंचने से बंद किया 18 बेड का वार्ड
पुरूष वार्ड में महिला ओर महिला वार्ड में पुरूष मरीज
बारां. कोरोना संक्रमण अब खासा कमजोर पड़ गया है। मरीज भी कभी कभार ही मिल रहे है। आमजन में भी वायरस का खौफ दूर हो गया है। लोग खासी राहत महसूस कर रहे है, लेकिन नई लहरे आने की आशंका के चलते अस्पतालों में उपचार की व्यवस्थाओं को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कोरोनाकाल में बंद किए गए वार्ड अब तक व्यवस्थित नहीं हुए है। यहां जिला अस्पताल में वर्तमान में भी पुरूष वार्ड में महिलाओं को तो महिलाओं के वार्ड में पुरूषों को भर्ती करना पड़ रहा है। मेल मेडिकल-बी वार्ड बंद पड़ा हुआ है। इन दिनों जिला अस्पताल में गर्मी जनित बीमारियों के मरीज भी बढ़ रहे है। इससे भी जगह की तंगी बनी हुई है। ओपीडी में औसतन 13 सौ तक मरीज पहुंच रहे। हे। पिछले सप्ताह एक दिन तो करीब 19 सौ तक ओपीड़ी पहुंच गई थी।
ताले में बंद कोविड चिकित्सा संसाधन
करीब दो वर्ष पहले कोरोना संक्रमण ने तेवर दिखाने शुरू किए तो जिला अस्पताल में अलग से कोरोना मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड शुरू किया गया था। इसके अलावा, कोविड आईसीयू वार्ड, कोविड लेबर रूम आदि शुरू किए गए थे। वहीं, मेल मेडिकल वार्ड को बंद कर मेल और फिमेल मेडिकल वार्ड को फिमेल वार्ड में शिफ्ट कर महिला-पुरूष मरीजों को एक ही वार्ड में भर्ती करने की व्यवस्था की गई थी। बाद कोरोना को लेकर स्थिति सामान्य हो गई। इसके बाद वेंटिलेटर, मोनिटर और कोविड बेड आदि चिकित्सा संसाधनों को समेट कर एक हॉल में बंद कर दिए गए। वर्तमान में भी जिला अस्पताल के मेल मेडिकल वार्ड के एक हिस्से में कोविड उपचार सम्बंधि बेड, मोनिटर व वेंटिलेटर आदि रखे हुए है।