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एमएसपी कागजों में, बाजार में औने-पौने दाम: बस्सी-चाकसू में मूंगफली खरीद ठप

सख्त गुणवत्ता मानकों ने रोकी सरकारी खरीद, मौसम की मार झेल चुके किसान बेहाल - छूट मिले तो हो सकती है समर्थन मूल्य पर मूंगफली की खरीद

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– सख्त गुणवत्ता मानकों ने रोकी सरकारी खरीद, मौसम की मार झेल चुके किसान बेहाल – छूट मिले तो हो सकती है समर्थन मूल्य पर मूंगफली की खरीद

बस्सी. इस सीजन में मूंगफली किसानों की उम्मीदें एक बार फिर टूटती नजर आ रही हैं। गुणवत्ता मानकों पर खरी न उतरने के कारण समर्थन मूल्य पर मूंगफली की सरकारी खरीद लगभग ठप हो गई है। बस्सी खरीद केंद्र पर 12 किसानों की मूंगफली खरीद कर जब दौसा वेयरहाउस भेजी गई, तो वहां गुणवत्ता का हवाला देकर जिंस को जमा करने से इनकार कर दिया गया। इसके बाद से केंद्र पर खरीद बंद पड़ी है। वहीं चाकसू खरीद केंद्र पर तो अब तक एक दाना भी मूंगफली नहीं खरीदी जा सकी है। सरकार ने इस बार मूंगफली का समर्थन मूल्य 7263 रुपए प्रति क्विंटल तय किया था, लेकिन सरकारी खरीद ठप होने से किसान मजबूरी में बाजार में 4 से साढ़े 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर फसल बेच रहे हैं। यानी हर क्विंटल पर किसान को करीब 3 हजार रुपए तक का सीधा नुकसान उठाना पड़ रहा है। (कासं.)

गुणवत्ता के सख्त नियम बने बाधा इस बार मूंगफली की फसल पर मौसम की दोहरी मार पड़ी। कहीं बेमौसम बारिश हुई तो कहीं कीट प्रकोप ने नुकसान पहुंचाया। समय पर धूप नहीं मिलने से दाने पूरी तरह विकसित नहीं हो पाए। इसके बावजूद सरकार ने वही गुणवत्ता मानक लागू कर रखे हैं, जो सामान्य वर्षों में बेहतर उत्पादन के लिए तय किए जाते हैं। सरकारी मानकों के अनुसार 100 ग्राम मूंगफली में 65 से 70 ग्राम दाने होना जरूरी है, जबकि इस बार औसतन 60 ग्राम ही निकल पा रहे हैं। इसी तरह डेमेज दाने की सीमा 2 प्रतिशत तय है, जबकि इस साल यह औसतन 5 प्रतिशत तक पहुंच रही है। हालांकि नमी, सिकुड़ा दाना और अन्य वैरायटी जैसे मानक तय सीमा में हैं, लेकिन केवल दो बिंदुओं के कारण पूरी उपज खारिज की जा रही है।

किसानों का कहना है कि यह फैसला न तो व्यावहारिक है और न ही किसान हित में। यदि इस वर्ष को विशेष परिस्थिति मानते हुए गुणवत्ता मानकों में सीमित छूट दी जाए, तो बड़ी मात्रा में मूंगफली की खरीद संभव हो सकती है। किसे मिल रहा फायदा? समर्थन मूल्य केंद्रों पर खरीद बंद होने का सीधा लाभ निजी व्यापारियों को मिल रहा है। मंडियों में मूंगफली की आवक बनी हुई है, लेकिन भाव एमएसपी से काफी नीचे चल रहे हैं। किसान कर्ज, घरेलू खर्च और रबी फसल की तैयारी के दबाव में फसल बेचने को मजबूर हैं। किसानों का आरोप है कि यदि जल्द गुणवत्ता नियमों में संशोधन नहीं हुआ, तो एमएसपी केवल सरकारी फाइलों तक सीमित रह जाएगी।

इससे किसानों का भरोसा समर्थन मूल्य जैसी योजनाओं से उठता जाएगा। बस्सी-चाकसू में मूंगफली खरीद की हकीकत सरकारी गुणवत्ता मानक – 100 ग्राम में दाने: 65-70 – डेमेज दाना: 2 प्रतिशत – सिकुड़ादाना: 4 प्रतिशत – अन्य वैरायटी: 4 प्रतिशत – नमी: 8 प्रतिशत इस बार फसल की औसत स्थिति – 100 ग्राम में दाने : 60 – डेमेज दाना : 5 प्रतिशत – सिकुड़ा दाना : 4 प्रतिशत – अन्य वैरायटी : 4 प्रतिशत – नमी : 8 प्रतिशत