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बिलासपुर

धार्मिक आयोजनों में भक्तिभाव से शामिल हुए तो ठीक, केनवासिंग और चुनावी गतिविधियां हुई तो प्रत्याशियों के खाते में जुड़ेगा खर्च

  बिलासपुर. धार्मिक आयोजनों में भक्तिभाव से शामिल होने पर किसी प्रकार की आपत्ति नहीं है, लेकिन प्रत्याशी केनवासिंग और चुनावी गतिविधियां संचालित करते पाए जाएंगे तो उनके चुनावी खर्च में इसे जोड़ा जाएगा। ये बाते कलेक्टर संजीव झा ने सोमवार को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान कही।

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उन्होंने कहा कि दशहरा महोत्सव,नवरात्र,गरबा के आयोजनों में किसी भी प्रत्याशी द्वारा द्वारा शामिल होने को लेकर स्पष्ट किया कि कोई भी प्रत्याशी धार्मिक आयोजनों में शामिल हो सकता है लेकिन ना तो वह चुनाव प्रचार कर सकता ना वह पार्टी का नाम ले सकता और नहीं चुनाव चिन्ह को प्रसारित कर सकता है ,ऐसा करने पर प्रशासन की नजर तमाम प्रत्याशियों पर रहेगी ।उन्होंने यह भी बताया कि आदर्श चुनाव आचार संहिता के तहत पूरे जिले में धारा 144 प्रभावशील तो हो गया है लेकिन राजनीतिक दलों को जुलूस ,सभा आदि करने की अनुमति जिला प्रशासन द्वारा दी जाएगी । जिले में 351संवेदनशील मतदान केन्द्र हैं जहां सीआरपीएफ के जवान व निगरानी दल तैनात रहेंगे और दूसरे राज्यों और पड़ोसी जिले से शराब के परिवहन पर भी जिले की सीमा पर निगरानी रहेगी।

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21 को अधिसूचना, 2 नवंबर को नाम वापसी

उन्होंने कहा कि जिले के 6 विधानसभा क्षेत्र में अगले माह 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे । निर्वाचन अधिसूचना का प्रकाशन 21 अक्टूबर 2023 को किया जाएगा। उसके बाद नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 21 अक्तूबर से शुरू होगी । नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 अक्तूबर निर्धारित की गई है।नामांकन पत्रों की जांच 31 अक्टूबर और उम्मीदवार 2 नवंबर तक नाम वापस ले सकेंगे। जिले में मतदान 17 नवंबर को होगा और 3 दिसंबर रविवार को मतों की गणना होगी ।

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विधानसभा चुनाव: जिले में धारा 144 लागू

छत्तीसगढ़ विधानसभा आम निर्वाचन 2023 की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो गई है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी संजीव कुमार झा ने जारी आदेश में बताया कि जिले में लोक परिशांति बनाए रखने एवं निर्वाचन प्रक्रिया एवं मतदान निर्विघ्न, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने अन्य उपायों के साथ साथ प्रतिबंधात्मक उपाय आवश्यक है।

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उन्होंने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित प्रतिबंधात्मक निषेधाज्ञा जारी किया है।

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बिलासपुर जिले के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार का घातक अस्त्र-शस्त्र यथा बंदूक, रायफल, पिस्टल, रिवाल्वर, भाला, बल्लम, बरछा, लाठी व अन्य प्रकार के घातक हथियार के साथ-साथ विस्फोटक सामाग्री को किसी भी सार्वजनिक स्थान आम सड़क, रास्ता, सार्वजनिक सभाएं व अन्य स्थानों पर लेकर नहीं चलेगा।

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कोई भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी सशस्त्र जुलूस नहीं निकालेगा और न ही आपत्तिजनक नारे लगायेगा और न ही आपत्तिजनक पोस्टर वितरित करेगा।

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यह आदेश उन शासकीय अधिकारियों, कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा, जिन्हें अपने कार्य के सम्पादन के लिये लाठी या शस्त्र रखना आवश्यक है। यह आदेश उन शासकीय कर्मचारियों पर भी लागू नहीं होगा, जिन्हें चुनाव, मतदान के दौरान कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये पुलिस अधिकारी नियुक्त किया गया है।

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यह आदेश उन व्यक्तियों पर भी लागू नहीं होगा ,जिन्हें शारीरिक दुर्बलता, वृद्धावस्था व लंगडापन होने के कारण लाठी रखना आवश्यक है। इस आदेश का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति अथवा दल भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 के अंतर्गत दण्डनीय होगा।

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प्रकरण के तथ्यों व परिस्थितियों को देखते हुए इस आदेश के संबंध में संबंधितों को सूचना पत्र जारी कर सुनवाई, सम्यक रूप से संभव नहीं है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से निर्वाचन प्रक्रिया समाप्ति तक संपूर्ण बिलासपुर जिले में प्रभावशील रहेगा।