हिण्डोली. मुनि विश्रान्त सागर महाराज ने पंच बालयति तीर्थ धाम पर प्रवचन करते हुए कहा कि मनुष्य किसी कार्य में तभी सफ ल हो सकता है जब वो मिलजुल कर आपसी सद्भावना से कार्य करे। मन में आपसी कषाय भुलाकर एकता का परिचय देने से देश एवं समाज आगे बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि अच्छे काम करने वाले को सबसे ज्यादा बुराई का सामना करना पड़ता है, यही जीवन का नियम है। और जो इस बुराई को नजर अंदाज करते हुए आगे बढ़ता है वही आगे जाके विजेता बनता है।