छतरपुर. झांसी-खजुराहो फोरलेन हाइवे में एनएचएआई की ओर से लापरवाही की जा रही है जिससे यहां पर जानवरों का जमावड़ा बन रहा है। इसको लेकर विभाग की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हालात हैं कि हाइवे के बीच में बने डिवाईडर में पौधों से अधिक घास उग आई है। जिससे यहां पर जानवरों का जमावड़ा हा रहा है और यही दुर्घटनाओं को कारण बन रहा है। झांसी से जिला मुख्यालय होते हुए खजुराहो तक फोरलेन हाइवे बनने के बाद से जहां पर कई घंटे का सफर आधा हो गया है तो इसके साथ ही जिले में फोरलेन पर घटनाओं में बढोत्तरी भी हुई है। लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार विभाग एनएचएआई इस ओर समय से ध्यान नहीं दे रहा है और इसका खामियाजा आम राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है। हालात ये हैं कि छतरपुर से बमीठा तक डिवाईडर के अधिकतर स्थानों में २-३ फीट तक बड़ी घास उग आई है। जिससे यहां पर जानवरों को अपनी ओर लुभा रहा है और डिवाईडर पर जानवरों को जमावड़ा लगा रहता है।
यहां पर 24 घंटे जानवरों का विचरण बना रहता है। इससे वाहनों की आवाजाही बाधित हो रही है। साथ ही पैदल चलने वाले राहगीरों तक को परेशानी हो रही है। राहगीरों को आने-जाने में जानवरों का भय बना रहता है। सुबह से लेकर रात तक आवारा पशु सड़कों पर डटे रहते हैं। सड़क से हटाने पर दुर्घटनाएं घट जाती हैं। कई बार भारी वाहनों से टकरा कर जानवर भी चुटहिल हो जाते हैं। लेकिन इस ओर जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
ऑटो चालक महेश, राजकुमार, टैक्सी चालक चंद्रभान आदि ने बताया कि हाइवे के डिवाईडर में बड़ी-बड़ी घास होने से जानवर डिवाईडर में आ जाते हैं और फिर पेट भरने के बाद सड़क पर ही बैठ जाते हैं। जिससे आने जाने में परेशानी होती है। बताया कि इस रास्ते में हर रोज २-४ सड़क दुर्घटनाएं होना आम बात हो गई है और अधिकतर घटनाएं जानवरों के कारण ही हो रही है।
पौधों की नहीं कराई जा रही देखरेख
विभाग की ओर से इस हाइवे के डिवाईडर में लगाए गए पौधों की नियमित देखरेख करने की जरूरत है। यहां पर समय पर निदाई गुड़ाई, सिंचाई, कटाई आदि की जानी चाहिए, लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते साल भर में एक बाद ही देखरेख की जा रही है। ऐसे में यहां पर लगाए गए पौधे अभी तक फूल नहीं दे पाए हैं और कई स्थानों में तो पौधे ही गायब हो गई और विभाग का इस को ध्यान ही नहीं है।
न हाइवे अथॉरिटी ध्यान दे रही और न ही ग्राम पंचायतें
हाइवे पर लोगों को बिना किसी बाधा के यातायात मिल सके इसके लिए रास्ते में पडऩे वाले टोल में भारी भरकम राशि देता है और इसके बाद भी उसे रास्ते में जगह जगह जानवरों के झुंड का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर न तो जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है और न ही एनएचएआई और न ही ग्राम पंचायतें। जिसका खामियाजा आए दिन लोगों कों दुर्घटना का शिकार होकर चुकाना पड़ रहा है।
इनका कहना है
हाइवे पर जानवरों की समस्या छतरपुर क्षेत्र में ही है, यूपी क्षेत्र में स्थानीय प्रशासन व्यवस्था कर रहा है, लेकिन छतरपुर में जिला प्रशासन की ओर से जानवरों का प्रबंध करने लापरवाही की जा रही है। इसके लिए हमने पुराना पत्र कलक्टर को भेजा है। जल्द ही हाइवे की सड़क से जानवरों को हटाने की व्यवस्था प्रशासन की ओर से की जाएगी।
पीएल चौधरी, एनएचएआई