छतरपुर. जिले में ग्रामीण इलाकों में नहर और नालों में पानी नहीं होने से मवेशी भटक रहे हैं। इसके लिए ग्राम पंचायतों में बनवाई गईं चरहीं व हौदी सूखी पड़ी हैं। लेकिन इनमें पंचायतों की ओर पानी नहीं भरवाया जा रहा है जिसके चलते सड़कों में फिर रहे मवेशियों का पानी नहीं मिल पा रहा है। वहीं सिंचाई विभाग की ओर से भी भीषण गर्मी को देखते हुए जानवरों नहरों में पानी नहीं छोडा जा रहा है।
जिले के ग्रामीण क्षेत्र में नहर में न तो किसानों के लिए सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो पा रहा है और न ही मवेशियों का गला तर करने के लिए। जिससे पशु-पक्षी प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हो रहे हैं। नहरों में पानी की आस में जीवन तलाश रहे मवेशी मायूस होकर लौट रहे हैं, सिंचाई विभाग द्वारा पानी न छोड़े जाने के चलते नहरों परेशानी की स्थिति बनी हुई है।
पूर्व में सिंचाई विभाग द्वारा मवेशियों को होने वाली समस्याओं के चलते पानी छोड़ा जाता था। जिससे तालाबों को भरने के साथ ही नहरों में आने वाले पानी से फसल की सिंचाई की जाती थी, लेकिन बीते कई वर्षों से सिंचाई विभाग की नींद नहीं खुल रही है। जिससे ग्रामीणों इलाकों में नदी, नाले और नहरें सूखी हैं। इनमें बूंद भर भी पानी नहीं है। ऐसे में गांवों में होकर जाने वाली नहर में पानी न छोडऩे से न तो तालाब भरे जा सके और न ही क्षेत्र में फिरने वाले जानवरों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति यह है कि कई गांवों में जानवरों को पानी के लाले हैं, इसके बावजूद इन तालाबों में पानी भराने की कवायद भी अभी तक नहीं की गई है। जिसके चलते इन तालाबों सहित नहरों में पानी न आने के चलते मवेशियों के साथ ही किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
वहीं इसी समस्या को देखते हुए ग्राम पंचायतों में कई स्थानों में पानी के लिए हौदी बनवाई गई थी। जिनमें पानी भरने के लिए पंचायत को जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन हालात ये हैं कि जिले भी में कुछ गांवों को छोड़ कर सभी गांवों में हौदी सूखी पड़ी हैं और जानवर पानी के लिए भटक रहे हैं।