चित्तौडग़ढ़
प्रदेश भर के किसान फ्यूल चार्ज का दंश झेल रहे हैं। पर्याप्त विद्युतापूर्ति हो नहीं रही है। भारी-भरकम राशि की वीसीआर भरी जा रही है।
चित्तौडग़ढ़ विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या ने गुरूवार को विधानसभा में यह समस्याएं उठाई। उन्होंने कहा कि प्रदेश के साथ ही चित्तौडग़ढ़ विधानसभा क्षेत्र में बिजली की किल्लत से आमजन के साथ ही किसान वर्ग परेशान हैं। लोड सैटिंग के नाम पर रोजाना तड़के 3 से 4 घण्टे बिजली बंद कर दी जाती है। जिससे किसानों को बारिश में जहरीले जंतुओं के दंश का खतरा बना रहता है। गांवों में मौसमी बीमारियां भी बढ रही हैं। ट्रांसफार्मर जलने से बीस से पच्चीस दिन तक नए ट्रांसफार्मर नहीं मिल पाते। विभाग के पास ट्रांसफार्मर उपलब्ध नहीं हैं। आक्या ने विधानसभा अध्यक्ष से इस संबंध में मंत्री को निर्देश देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि नए कृषि कनेक्शन धारकों को एक वर्ष से विद्युत सामग्री उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। वर्ष 2018 में फ्यूल चार्ज के नाम पर 18 पैसे प्रति यूनिट वसूल किए जाते थे, लेकिन अब राज्य सरकार 52 पैसे प्रति यूनिट की वसूली कर रही हैं, जो गरीबी की मार झेल रहे किसानो के हितों पर कुठाराघात है।
विधायक आक्या ने कहा कि राज्य सरकार आमजन व किसानों की बिजली माफ होने का प्रचार कर रही है। जबकि बिजली के बिलों में अलग-अलग चार्ज जोडऩे से पहले के मुकाबले दोगुनी राशि के बिल आ रहे हंै। उन्होंने सरकार की वीसीआर भरने की योजना का विरोध करते हुए कहा कि विभाग के एमडी की ओर से अधिकारियों को लक्ष्य दिए गए हैं। आक्या ने दावा किया कि उनके पास इसकी कॉपी है, इसमें अधीक्षण अभियंता, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता स्तर के अधिकारियों को वीसीआर के माध्यम से लाखों की वसूली का लक्ष्य दिया गया है। उन्होंने लक्ष्य पूरे करने के नाम पर फर्जी तरीके से किसानों को परेशान कर की जा रही अवैध वसूली बंद करवाने की मांग की है। विधायक आक्या ने कहा कि बिजली संकट की सरकार के डूबने का कारण बनेगा।