चूरू. पर्यावरण प्रेमियों के लिए सुखद खबर यह है कि आने वाले दिनों में ताल छापर सहित नागौर जिले के जसवंतगढ़ में काले हिरणों को कुचाले भरते हुए देख सकेंगे। इसके लिए वन विभाग की ओर से ग्रास लैंड तैयार किया जा रहा है, जिसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। वन विभाग की ओर से काले हिरणों का संभवतया इस साल के अंत तक जसवंतगढ़ में कर दिया जाएगा।डीएफओ सविता दहिया ने बताया कि जसवंतगढ़ में हिरणों की पसंदीदा मोथीया सहित अन्य घास भी उगाई जा रही है।
इसके लिए तालछापर अभयारण्य से मिट्टी लाकर जसवंतगढ़ में डम्पर से फैलाई जा रही है। डीएफओ दहिया ने बताया कि वन विभाग को ताल छापर से काले हिरणों को शिफ्ट करने के लिए पूर्व में 2230 बीघा जमीन अलाट की जा चुकी है। ग्रास लैंड तैयार करने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में देसी व विदेशी पर्यटक तालछापर के साथ जसवंतगढ़ में भी काले हिरणों के झुंडों को कुुचाले मारते देख सकेंगे। उन्होंने बताया कि जसवंतगढ़ की भौगोलिक स्थिति तालछापर अभ्यारण्य से मिलती, जुलती है वहां की वनस्पति भी काले हिरणों के लिए अनुकूल है। उन्होंने बताया कि तालछापर में अभी एक हजार काले हिरण है, जिन्हें शिफ्ट किया जाना प्रस्तावित है।