मनावर/ धार.
जिले के मनावर नगर पालिका मेंं मंगलवार को उस वक्त हडक़ंप मच गया, जब यहां गोली चलने की आवाज सुनाई दी। जल वितरण विभाग के सहायक कर्मी महेंद्र त्रिवेदी उर्फ छोटू जब अपनी कक्ष में बैठकर ऑफिस का काम कर रहे थे। इसी दौरान आरोपी रविंद्र पिता घमंड़ी निवासी गांधीनगर आया और पेंट की जेब से पिस्टल निकाल कर त्रिवेदी पर तान दी। कोई कुछ समझ पाता इसी दौरान आरोपी ने गोली चला दी। जिसके बाद त्रिवेदी गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें घायल अवस्था में बड़वानी रेफर किया। जहां उनकी मौत हो गई। घटनाक्रम सुबह 11.30 बजे का बताया जा रहा है। उधर, हमलावर रविंद्र घटना के बाद मौके से भाग निकला। जिसकी तलाश पुलिस द्वारा की जा रही है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जल वितरण विभाग के सहायककर्मी महेंद्र त्रिवेदी रोजाना की तरह मंगलवार को ऑफिस पहुंचे। यहां अपने आवक-जावक कक्ष में टेबल पर बैठकर काम निपटा रहे थे। अन्य कर्मचारी भी यहां मौजूद थे। कर्मचारियों ने बताया कि आरोपी रविंद्र वहां आया और बिना कुछ बोले रिवाल्वर निकाल कर फायर कर दिया। पिस्टल से निकली गोली सीधे त्रिवेदी के सीने मेंं जा लगी। पास बैठे कर्मचारी घबरा गए । घटना के पीछे पुरानी रंजिश मानी जा रही है। हालांकि पुलिस द्वारा अभी कोई खुलासा नहीं किया गया।
धक्का देकर दूर किया, शोर मचाने पर भाग आरोपी
चश्मदीदों के अनुसार आरोपी पहले से पिस्टल में गोली लोड करके आया था जो उसने त्रिवेदी को मारी। वह दूसरा फायर करने वाला ही था कि एक अन्य कर्मचारी ने हिम्मत जुटाकर उसे धक्का देकर दूर किया। तभी शोर-शराबा होने पर आरोपी वहां से भाग गया। जिसकी तलाश पुलिस टीम कर रही है।
मची अफरा-तपरी, पुलिस कर रही जांच
घटना को लेकर नपा कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस को फोन कर सूचना दी गई। घटना की सूचना मिलते ही एसडीओपी धीरज बब्बर, टीआई कमलेश सिंगार व पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे। घायल महेंद्र त्रिवेदी छोटू को तुरंत सिविल हॉस्पिटल मनावर ले जाया गया। जहां घायल की हालत नाजुक होने से चिकित्सकों ने उसे बड़वानी के लिए रेफर किया।जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
पुरानी रंजिश मेंं हमले की आशंका
पुलिस सूत्रों के अनुसार घटना को पुरानी रंजिश के चलते अंजाम दिया गया। जो पिछले कुछ दिनों से नपा कार्यालय के बाहर घूमते हुए देखा गया। बताया जा रहा है कि आरोपी का बेटा पूर्व में नपा में आउट सोर्स के रूप में कार्यरत था। तब तत्कालीन सीएमओ प्रदीश शर्मा द्वारा 54 कर्मचारियों को हटा दिया गया था। इसके बाद कुछ कर्मचारियों को फिर से काम पर रखा गया। लेकिन आरोपी अपने बेटे को काम पर रखने के लिए दबाव बना रहा था। शायद यही वजह है कि उसने सहायक पर जानलेवा हमला कर दिया।