25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हनुमानगढ़

हाइटेक नर्सरी लगाकर भी कमा सकते हैं फायदा

https://www.patrika.com/hanumangarh-news/ हनुमानगढ़. प्लांट नर्सरी का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। इसमें बीज से पौधे उगाकर बाजार में बेचने होते हंै। शहरी इलाकों में साज सज्जा के लिए तो कहीं बाग बगीचों में उगाने के लिए लोग बाज़ार से पौधे खरीदते हंै।  

Google source verification

हाइटेक नर्सरी लगाकर भी कमा सकते हैं फायदा
हनुमानगढ़. प्लांट नर्सरी का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। इसमें बीज से पौधे उगाकर बाजार में बेचने होते हंै। शहरी इलाकों में साज सज्जा के लिए तो कहीं बाग बगीचों में उगाने के लिए लोग बाज़ार से पौधे खरीदते हंै। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए नर्सरी का कारोबार बहुत लाभदायक है। किसान फलदार पौधों के साथ-साथ अन्य सजावटी पौधों एवं अन्य प्रकार के सब्जियों के पौधे तैयार कर एक नियमित आय का जरिया शुरू कर सकते हैं। एक हेक्टेयर की हाइटेक नर्सरी की स्थापना पर इकाई लागत 25 लाख पर 40 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख तक का अनुदान देय है। किसान इसके लिए विभागीय कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। धरती को हरा-भरा करने की मकसद से इस तरह की योजना को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

800 करोड़ मंजूर
राज्य सरकार ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में जल तंत्र के विकास एवं सुदृढ़ीकरण के लिए ८०० करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नहरों, जल एवं सिंचाई परियोजनाओं से संबंधित विभिन्न कार्यों में वृद्धि के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। गहलोत द्वारा 800 करोड़ रुपए की लागत से प्रदेश के 100 एनिकटों एवं 100 नहरी तंत्रों के निर्माण व जीर्णोद्धार कार्यों की घोषणा गई थी। प्रदेश की जनता से प्राप्त सुझावों एवं कार्यों की महत्ता को देखते हुए इन कार्यों में वृद्धि कर 100 के स्थान पर 150 एनिकटों के निर्माण/सुदृढ़ीकरण कार्यों की स्वीकृति दी गई है। इससे अधिक क्षेत्रों में जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बजट वर्ष 2023-24 में प्रदेश के विभिन्न एनिकटों एवं नहरों के जीर्णोद्धार की घोषणा की थी।

……वर्जन…..
नवाचार की सलाह
मशरूम की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार आठ लाख रुपए तक अनुदान दे रही है। कुछ किसान इसकी खेती करके कमाई भी कर रहे हैं। इसकी खेती के लिए बड़े क्षेत्र की जरूरत नहीं पड़ती है। किसानों को खेती में नवाचार करना चाहिए।
-बीआर बाकोलिया, सहायक निदेशक, कृषि विभाग हनुमानगढ़