जबलपुर। जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों और इलाज की स्थिति का आकलन करने के लिए मॉकड्रिल में कई खामियां सामने आईं। मरीज को वार्ड में ले जाने में देर हुई। उसे जो ऑक्सीजन मास्क लगाया गया था, वह वार्ड में ले जाने के दौरान कई बार निकल गया। विभाग का कहना है कि मॉकड्रिल के दौरान कुछ छोटी कमियां मिली हैं उन्हें ठीक किया जाएगा।
जिला अस्पताल में मॉक ड्रिल के तहत अस्पताल में मरीज के आने पर उसे वार्ड तक शिफ्ट करने की प्रक्रिया जांची गई। अस्पताल के स्टफ को मरीज बनाकर लाया गया। आकस्मिक चिकित्सा विभाग में डॉक्टर्स व टेक्निकल स्टाफ मास्क लगाए हुए थे। एम्बुलेंस से उतार कर मरीज को ऑक्सीजन मास्क लगाया गया, जो बार-बार उतर रहा था। एक कर्मचारी मास्क पकड़ा रहा। मरीज को किस वार्ड में ले जाना है, आईसीयू या सामान्य वार्ड यह तय नहीं हो सका। मरीज को एम्बुलेंस से वार्ड तक ले जाने में 10 मिनट का समय लग गया। अस्पताल के आईसीयू में व्यवस्थाएं ठीक थीं। यहां ऑक्सीजन पाइप लाइन से सप्लाई हो रही थी। वेंटीलेटर काम कर रहे थे। मरीजों को दी जाने वाली दवाओं का पर्याप्त स्टॉक था।