जबलपुर। नर्मदा की गोद में बसे शहर में कई इलाके प्यासे हैं। बोरिंग और हैंडपम्प सूख रहे हैं। कई इलाकों में टंकिया पूरी नहीं भरी जा रही हैं। नगर निगम सदन की बैठक में सोमवार को विपक्षी पार्षदों ने जलसंकट को लेकर नगर सरकार को घेरा। पार्षद राहुल साहू समेत अन्य पार्षदों ने जलसंकट को लेकर सवाल उठाए। सत्तापक्ष ने भी पलटवार किया। महापौर जगत बहादुर सिंह ने कहा कि शहर में सभी को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
महापौर ने कहा कि नए बोरिंग करवाने से लेकर जल संकट वाले इलाकों में पानी की बड़ी टंकियां रखवाई जा रही है। नगर में जल संकट आज उपजी समस्या नहीं है, इसके लिए वह अकेले जिम्मेदार नहीं हैं। पिछले महापौरों की भी जिम्मेदारी बनती है। 2-3 साल में शहर की तस्वीर पूरी तरह बदली नजर आएगी। इसके साथ सत्ता पक्ष धरने पर बैठ गया। इस पर सदन में जमकर हंगामा हुआ।
नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने कहा कि सत्ता पक्ष अपनी जिम्मेदारी से न भागे। सत्ता पक्ष का धरने पर बैठना जिम्मेदारी से भागना है। धरना देने के बजाय लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई करें। इसके बाद दोनों पक्ष ने धरना समाप्त किया। सदन की कार्रवाई फिर शुरू हुई तो सत्तापक्ष ने नगर में जलसंकट निवारण के लिए उठाए गए कदम की जानकारी दी।