जगदलपुर। इस साल को विश्व मिलेट वर्ष के तौर पर मनाया जा रहा था। बस्तर के अधिकांश इलाके में कोदो कुटकी की उपज सदियों से ग्रामीण आदिवासी लेते आ रहे हैं। इन मिलेट्स को उपजाने के लिए पानी व खाद की कम आवश्यकता होती है। इसलिए यह इनके आहार के लिए बेहद मुफीद है। इधर इसे प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र जगदलपुर में एक कैफे खोला गया है। यहां रागी से बने हुए दोसा व इडली बनाकर ग्राहकों को परोसा जा रहा है। स्वाद व पौष्टिकता से भरपूर इन दोसा व इडली की खासी डिमांड है।