जयपुर. ‘मानव इतिहास की सबसे यादगार संस्कृति को पास से समझने का मौका उसके इतिहास के गलियारों से होकर गुजरने से मिला। इससे बहुत कुछ सीखने को मिला साथ ही इस बात का भी एहसास हुआ कि विभिन्न सभ्यताओं ने हमें सांस्कृतिक मूल्यों से संपन्न कितनी वैभवशाली विरासत सौंपी है।’ यह कहना था वेटरन एक्टर-पेंटर अमोल पालेकर का। वह शुक्रवार को झालाना स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में ‘तूतनखामुन-2’ प्रदर्शनी के उद्घाटन के लिए आए थे।

प्रदर्शनी की खास प्रतिकृतियां
यहां प्रदर्शित की गई प्रतिकृतियों में मिस्र के शासक तूतनखामुन और उनकी पत्नी के शवों के दो ताबूत (ममी), तूतनखामेन की पत्नी के असमय हुए गर्भपात के दो भ्रूण, उनके बच्चों के ताबूत, कई परिजनों के शवों की प्रतिकृतियां, राजा, रानी और परिजनों के सोने के आभूषण, रथ, हथियार, तूतनखामुन के पिता अखेनातेन की 16 फीट की मूर्ति है।

3500 साल पुरानी 300 रेप्लिकाएं
आरआईसी के निदेशक निहालचंद गोयल ने बताया कि यह प्रदर्शनी 23 सितम्बर से 22 अक्टूबर तक चलेगी। शुक्रवार को केवल वीआईपी प्रीव्यू रखा गया था। क्यूरेटर आर्टिस्ट मनीष शर्मा ने बताया कि मिस्र के 3500 साल पुराने मकबरे में दफनाए गए वहां के राजा तूतनखामुन और उनके परिजनों से जुड़ी 300 से ज्यादा चीजें यहां प्रदर्शित की गई हैं।

