भरतपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट शुक्रवार को एक मंच से केंद्र सरकार पर बरसे, लेकिन दोनों ने एक साथ मंच साझा नहीं किया। मुख्यमंत्री दिल्ली जाने की बात कहकर अपना भाषण खत्म कर चले गए। इसके बाद करीब 15 मिनट की देरी से पायलट मंच पर पहुंचे और अपना भाषण दिया। गहलोत ने देश से नफरत का माहौल मिटाने का संदेश दिया तो पायलट ने मिलकर चुनौती से पार पाने का आह्वान किया।
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 120वीं जयंती पर महारानी श्री जया महाविद्यालय के खेल मैदान पर हुई किसान सभा को कांग्रेस और लोकदल के बड़े नेताओं ने संबोधित किया। गहलोत ने आरोप लगाया कि आज देश को शांति, प्यार एवं भाईचारे की जरूरत है, जबकि केंद्र सरकार धर्म-जाति के नफरत के हालात बना रही है। यह किसी भी लिहाज से उचित नहीं है। गहलोत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बिना किसानों की सहमति से किसानों के खिलाफ काला कानून लाई, लेकिन जीत किसानों की हुई। प्रदेश सरकार गरीबों की हितैषी है। इसकी बहुतेरी नजीर हैं। सरकार फ्री गेहूं, दवा, जांच एवं 50 यूनिट बिजली फ्री दे रही है। इंदिरा रसोई और इंग्लिश स्कूल देश में मॉडल बने हैं, जबकि केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना तक लागू नहीं की। अब भाजपा के खिलाफ माहौल बना है। गांव-ढाणी तक शिक्षा का उजियारा फैला है। इससे हमारे बच्चे देश-दुनिया में ऊंचे पदों पर पहुंचकर नाम रोशन करेंगे। कोरोना को लेकर गहलोत ने कहा कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर अब केंद्र सरकार कोरोना पर नसीहत दे रही है, जबकि हमारा कोरोना प्रबंधन सबसे बेहतर रहा था। सबने मिलकर कोरोना से जंग लड़ी और जीते। इसे केंद्र अनावश्यक इश्यू बना रही है। गहलोत ने कहा कि सिर्फ नसीहत से काम नहीं चलता, काम करके दिखाने से ही काम चलता है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने ऐसे वर्ग को साथ लिया, जो देश में सबसे ज्यादा जरूरी थे। इसी वजह से आज भी वह लोगों के दिलों में जिंदा हैं। पायलट ने कहा कि यह समय चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में सभी साथ आने की जरूरत है।
लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि देश की खुशहाली का रास्ता गांवों से होकर जाता है। यह बात दिवंगत चौधरी ने कही और उसे साबित करके दिखाया। वह छोटे से घर से निकलकर देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचे। जयंत ने कहा कि आज केंद्र सरकार गलती मानने को तैयार नहीं है।