नवसंवत्सर की शुरुआज आज से
—नौ दिन होगी मां दुर्गा के अलग—अलग रुपों की पूजा
जयपुर
रेवती नक्षत्र से नवसंवत्सर 2076 की शुरूआत आज से हो गई है….. नवरात्र की शुरुआत के साथ अब अगले 9 दिनों तक मां दूर्गा के अलग अलग रूपों की पूजा की जाएगी तो आइए देखते है क्या रहेगा पूजा का शुभ मुहूर्त और कौन कौन से दिनों का रहेगा विशेष महत्व…..
..चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नए विक्रम संवत के साथ चैत्र नवरात्र की शुरुआत आज से हो गई है… अब अगले 9 दिनों तक मां दूर्गा के नौ रूपो शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी…..इस बार प्रतिपदा पर दिनभर वैधृति योग रहने से घट स्थापना दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक की जा सकेगी…. घट स्थापना के लिए सिर्फ 50 मिनट का ही समय मिलेगा…. इस समय अभिजित मुहूर्त के साथ अमृत योग भी रहेगा….आपको बता दे आमेर स्थित शिला माता मंदिर घट स्थापना दोपहर 12.17 बजे होगी। माता के दर्शन दोपहर 1.15 बजे खुलेंगे, जो श्रद्धालुओं की भीड़ खत्म होने तक खुले रहेंगे…..
. नवरात्र में 9 दिनों में 5 बार सर्वार्थ सिद्धि योग, दो बार रवि योग के बनेंगे। वहीं नवसंवत्सर परिधावी नामक होगा, जो 354 दिन का होगा, जिसकी शुरुआत मीन लग्न व अमृत योग में होगी… नवसंवत्सर के साथ ही सौरमंडल की सत्ता में भी बदलाव होगा। इस नवसंवत्सर का राजा शनि होगा, वहीं मंत्री सूर्य रहेगा…