जयपुर. हरिनाम संकीर्तन परिवार के तत्वावधान में रामनिवास बाग के शिव सत्संग भवन के सामने स्थित स्काउट गाइड सभागार में हो रही श्रीमद् भागवत कथा में मंगलवार को व्यासपीठ से अकिंचन ने शबरी प्रसंग, राम जन्म, रामचरितमान के सात कांड, भगवान कृष्ण जन्म सहित भागवत के विभिन्न प्रसंगों का श्रवण करवाया।
इस मौके पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव नंदोत्सव के रूप में धूमधाम से मनाया गया। पूरे कथा स्थल को गुब्बारों और फूलों से सजाया गया। अकिंचन महाराज ने नंदोत्सव के प्रसंग में कहा कि भगवान कृष्ण को अपने घर पर बुलाना है तो व्यक्ति को नंद बाबा की तरह सबको आनंदित करने वाला और यशोदा की तरह सबको यश देने वाला बनना होगा। इस मौके पर नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की…कान्हा जन्म मैं सुन आई यशोदा मैया दे दो बधाई… जैसे बधाईगान पर टॉफी, बिस्किट, खिलौनों की उछाल हुई। श्रद्धालुओं ने नृत्य कर खुशी प्रकट की।
शबरी प्रसंग में उन्होंने कहा कि भक्ति और सेवा का कभी भी बखान नहीं करना चाहिए। शबरी भगवान राम की प्रतिक्षा में ब्रह्म मुहूर्त में मार्ग में झाड़ू लगाकर फूल बिछा देती थी। वह भक्ति का भी प्रतीक है। भगवान राम ने उन्हें दर्शन देकर कृतार्थ किया। अकिंचन ने कहा कि रामचरितमानस के सात कांड व्यक्ति के जीवन के सात सोपान है। भागवत के दशम स्कंध की कथा में उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के अवतार की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि दशम् स्कंध भागवत का प्राण है। हरिनाम संकीर्तन परिवार के प्रवक्ता कृष्ण स्वरूप ने बताया कि बुधवार को भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का श्रवण कराया जाएगा। कथा 30 दिसंबर तक प्रतिदिन सुबह 11 से शाम पांच बजे तक होगी।